सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के रामपुर डेरवां गांव में तेंदुआ पकड़ने के लिए कानपुर से टीम दोपहर ढाई बजे पहुंची और काम में जुट गई। एक घर में बंद तेंदुआ को ट्रैक्विलाइजर की मदद से इंजेक्शन दिया गया। इसके बाद टीम तेंदुआ के बेहोश होने का इंतजार करती रही। बेहोश होने के बाद उसे पिंजरे में बंद कर एक गाड़ी में डाला गया।
गौरतलब है कि गांव में तेंदुआ ग्रामीणों पर हमला कर कल से एक घर में छिपा था। ग्रामीणों की सजगता बरतते हुए घर में ताला लगाकर तेंदुआ को कैद कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों कर सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस के साथ गांव वाले भी 24 घंटे से संघर्ष कर रहे थे। इसके बाद लखनऊ व कानपुर से वन्य जीव विशेषज्ञों से संपर्क किया गया।
टीम ने रामपुर व वाराणसी से पिंजरा व तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल, पिंजरा और ट्रैंक्युलाइजर मंगाया है, ताकि तेंदुआ को बेहोश कर जल्द पिंजरे में कैद करने के बाद सुरक्षित जगह पर छोड़ा जा सके।
डीएफओ जौनपुर एपी पाठक ने कहा कि जौनपुर सामाजिक वानिकी क्षेत्र है। यहां पर वन्य जीवों को पकड़ने का संसाधन नहीं है। इसलिए ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए बाहरी टीमों का सहारा लेना पड़ता है।