पुणे, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के हड़ताली विद्यार्थियों ने बुधवार को 139 दिन की हड़ताल तो खत्म कर दी, लेकिन अब वे अपने अगले कदम पर विचार कर रहे हैं। संकेत मिले हैं कि अब वे गोवा में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) स्थल पर पहुंच सकते हैं।
उन्होंने संकेत दिए हैं कि इससे वे प्रख्यात फिल्म निर्माताओं को विरोध प्रदर्शन में जोड़ सकेंगे। वार्षिक फिल्म महोत्सव 20 नवंबर से शुरू होगा।
विद्यार्थी अभिनेता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य गजेंद्र चौहान को इसका अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में 12 जून से हड़ताल पर थे। हड़ताली विद्यार्थियों ने बुधवार को अपनी हड़ताल खत्म कर दी थी।
एफटीआईआई के विद्यार्थियों ने भले ही हड़ताल खत्म कर दी, लेकिन उनका कहना है कि गजेंद्र की नियुक्ति का विरोध जारी रहेगा।
संस्थान के विद्यार्थियों ने यहां कहा कि वे अपनी कक्षाओं में लौटेंगे, लेकिन गजेंद्र की नियुक्ति के खिलाफ ‘शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीके’ से विरोध जारी रखेंगे।
छात्र संघ प्रवक्ता रंजीत नायर ने हड़ताल को लेकर आईएएनएस से कहा, “कक्षाएं अगले सप्ताह से शुरू होंगी। इस बीच, हम बड़े फिल्म निर्माताओं को साथ आने और समर्थन के लिए आग्रह करेंगे। इफ्फी जाने की योजना है।”
एफटीआईआई के तीन पूर्व छात्र- महाराष्ट्र के विक्रांत पवार, उत्तर प्रदेश के राकेश शुक्ला और गोवा के प्रतीक वत्स ने अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा दिए।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को हड़ताली विद्यार्थियों का समर्थन करने के लिए दिबाकर बनर्जी और आनंद पटवर्धन जैसे कई प्रख्यात फिल्म निर्माताओं ने अपने विभिन्न सरकारी पुरस्कार और सम्मान वापस लौटा दिए। इसके साथ ही संस्थान के तीन पूर्व विद्यार्थियों ने भी पुरस्कार लौटा दिए।
बनर्जी और पटवर्धन के अलावा, परेश कामदार, निष्ठा जैन, कीर्ति नखवा, हर्षवर्धन कुलकर्णी, हरि नायर, राकेश शर्मा, इंद्राणी लाहिरी और लिपिका सिंह दराई जैसे फिल्म-निर्माताओं ने बुधवार को अपने पुरस्कार लौटाए।