सिडनी, 5 फरवरी (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार पीटर ग्रेस्टे गुरुवार को ब्रिस्बेन स्थित अपने घर पहुंच गए। ग्रेस्टे मिस्र की जेल में 400 दिन बिताने के बाद स्वदेश लौटे हैं।
ग्रेस्टे ने अलजजीरा चैनल में काम करने वाले अपने उन दो सहकर्मियों की रिहाई की लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया, जो अब भी मिस्र की जेल में बंद हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, गुरुवार को ग्रेस्टे ने अपने परिवार, मित्रों और मीडियाकर्मियों से मुलाकात की। इन मीडियाकर्मियों में कई ऐसे लोग भी थे, जिनके साथ उन्होंने पूर्व में काम किया है।
ग्रेस्टे ने कहा, “घर और ऑस्ट्रेलिया वापस आना अद्भुत है। मैं बहुत बहुत खुश हूं।”
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता था कि मैं कभी यह दिन देख पाऊंगा। मैंने कई बार इसकी कल्पना की थी, कई बार कम से कम 400 बार इसकी कल्पना की थी। यह ऐसा पल है कि मैंने 400 दिनों तक इसकी कल्पना की थी और यहां खुद को पाकर बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं।”
ग्रेस्टे को रविवार को काहिरा की एक जेल से रिहा किया गया। इसके बाद उनकी स्वदेश वापसी कराने का प्रावधान किया गया। घर वापसी से पहले वह अपने भाई माइक के साथ साइप्रस गए।
वह मुस्लिम ब्रदरहुड द्वारा शुरू किए गए सरकार विरोधी आंदोलन को कवर करने अलजजीरा चैनल की तरफ से मिस्र गए थे।
उन्हें उनके दो साथियों मोहम्मद फाहमी और बाहेर मोहम्मद के साथ काहिरा के एक होटल से पुलिस ने 29 दिसंबर, 2013 को गिरफ्तार किया था। उन्हें मिस्र पहुंचे सिर्फ एक सप्ताह ही हुआ था।
मुस्लिम ब्रदरहुड से सहानुभूति रखने के आरोप में जून 2014 में ग्रेस्टे को सात साल कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी, मीडिया संगठनों ने आलोचना की थी।