नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश के औद्योगिक उत्पादन के आकंड़ों में लगातार दूसरे महीने नरमी देखने को मिली है। अगस्त में इसमें 0.7 फीसदी की सुस्ती देखने को मिली, जबकि जुलाई में इसमें 2.49 फीसदी की कमी आई थी। पिछले साल अगस्त में इसमें 6.3 फीसदी की तेजी देखने को मिली थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर सोमवार को जारी आंकड़ों में कहा गया है कि औद्योगिक उत्पादन में गिरावट का मुख्य कारण विनिर्माण उत्पादन में 0.3 फीसदी की गिरावट होना है, जिसकी समग्र सूचकांक में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी होती है।
वहीं, सूचकांक को दो अन्य प्रमुख उपसूचकांक बिजली उत्पादन में 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी और खनन में 5.6 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
वर्तमान वित्त वर्ष के प्रथम पांच महीनों में औद्योगिक उत्पादन घटकर नकारात्मक 0.3 फीसदी रहा है। जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 4.1 फीसदी था।
इसके अलावा आंकड़ों से पता चलता है कि सूचकांक के छह उपयोग आधारित वर्गीकरण में उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु की श्रेणी में अगस्त में 2.3 फीसदी की वृद्धि हुई है।
वहीं, उपभोक्ता उत्पाद श्रेणी में 1.1 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। जबकि उपभोक्ता गैर टिकाऊ श्रेणी में 0.1 फीसदी की मामूली वृद्धि हुई है।
हालांकि पूंजीगत वस्तुओं की श्रेणी में, जोकि आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख सूचकांक है, नकारात्मक 22.2 फीसदी दर रही है।
बुनियादी और मध्यवर्ती वस्तुओं के उत्पादन क्रमश: 3.2 फीसदी और 3.6 फीसदी पर रहे।
कुल मिलाकर औद्योगिक उत्पादन के 22 उपसूचकांकों में से समीक्षाधीन अवधि में सात में नकारात्मक दर देखी गई।