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 कब पूरी होगी दीघा-सोनपुर रेल सड़क परियोजना? | dharmpath.com

Tuesday , 6 May 2025

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कब पूरी होगी दीघा-सोनपुर रेल सड़क परियोजना?

पटना, 19 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार की बहुप्रतीक्षित योजनाओं में शामिल पटना में गंगा नदी के ऊपर बन रहे दीघा-सोनपुर रेल सड़क पुल परियोजना वर्ष 2009 में पूरी होने वाली थी, मगर इस पुल के पूरा होने के इंतजार की घड़ी गंगा जैसी लंबी होती जा रही है। रेलवे अधिकारी हालांकि दावा करते हैं कि अगले दो महीने के अंदर इस सड़क पुल का उद्घाटन हो जाएगा।

पटना, 19 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार की बहुप्रतीक्षित योजनाओं में शामिल पटना में गंगा नदी के ऊपर बन रहे दीघा-सोनपुर रेल सड़क पुल परियोजना वर्ष 2009 में पूरी होने वाली थी, मगर इस पुल के पूरा होने के इंतजार की घड़ी गंगा जैसी लंबी होती जा रही है। रेलवे अधिकारी हालांकि दावा करते हैं कि अगले दो महीने के अंदर इस सड़क पुल का उद्घाटन हो जाएगा।

पुल का उद्घाटन जल्द होना भी चाहिए, आखिर विधानसभा चुनाव भी करीब है। जाहिर है, इसका श्रेय लेने की होड़ भी मचेगी। मगर परियोजना पूरी तो हो..!

गंगा नदी के ऊपर बन रहे 4़ 56 किलोमीटर लंबे दीघा-सोनपुर पुल के निर्माण की प्रक्रिया वर्ष 1996 में आगे बढ़नी प्रारंभ हुई थी, जब तत्कालीन रेलमंत्री रामविलास पासवान के अनुरोध पर तत्कालीन प्रधानमंत्री एच़ डी़ देवगौड़ा ने इस परियोजना का शिलान्यास किया था, लेकिन इसके बाद इसका काम ठप पड़ गया।

इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेलमंत्री रहे नीतीश कुमार ने नए सिरे से पहल की और वर्ष 2001 में पुल का निर्माण कार्य फिर से शुरू हुआ। उस समय कार्य पूरा करने की अवधि वर्ष 2009 निर्धारित की गई थी तथा योजना में 650 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था।

इसके बाद राजनीतिक दांव-पेच में इस पुल का निर्माण कार्य एक बार फिर रुक गया। इसके बाद भूमि अधिग्रहण को लेकर भी पेंच फंस गया और इस योजना की निर्माणावधि बढ़कर वर्ष 2011 हो गई।

इसके बाद लगातार इस पुल के निर्माण में पेच फंसते गए और निर्माण अवधि के समय को लगातार बढ़ाया जाता रहा। यही कारण है कि इस पुल निर्माण को लेकर लागत भी बढ़ती चली गई। वर्तमान समय में इस परियोजना में 2921 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान जताया गया है।

सोनपुर के विधायक विनय सिंह मानते हैं कि इस पुल निर्माण में देरी होने का कारण पैसे की कमी और फिर भूमि अधिग्रहण का मामला है। केंद्र सरकार पहले पैसा उपलब्ध नहीं कराई और बाद में राज्य सरकार ने एप्रोच सड़क के लिए भूमि उपलब्ध नहीं कराई।

उन्होंने बताया, “संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार ने इस योजना के लिए रेल बजट में राशि नहीं दी, जिस कारण कई वर्षो तक इस परियोजना में कार्य ठप्प रहे। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने रेल बजट में 226 करोड़ रुपये का प्रावधान कर राशि दी। इससे निर्माण कार्य फिर से शुरू हुआ।”

उनका मानना है कि राशि अगर केंद्र सरकार पहले देती तो इस पुल का निर्माण कार्य पहले पूरा हो चुका होता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देश की बागडोर संभाली, तब यह परियोजना उनकी प्राथमिकता में नजर आई। बिहार के मुख्य सचिव के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान उन्होंने दो बार इस पुल को लेकर जानकारी ली और इस ओर पहल करने का निर्देश दिया।

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि अगले दो महीने के अंदर इस पुल का उद्घाटन हो जाएगा। इधर, ग्रामीण रास्ते को लेकर आंदोलनरत हैं। गत 11 जुलाई को जब निर्माणाधीन रेलवे ट्रैक पर ट्रायल के लिए मालगाड़ी चलाई गई तब जलालपुर के लोगों ने न केवल मालगाड़ी रोक दी, बल्कि यह भी चेतावनी दी जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक रेल परिचालन शुरू नहीं होने दिया जाएगा।

जलालपुर के पूर्व मुखिया धर्मेद्र कुमार कहते हैं कि रेलवे और राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उनका कहना है कि जलालपुर और रूपसपुर सहित अन्य गांवों के रास्ते की जमीन को लेकर विवाद ढाई वर्ष से नहीं सुलझी है। उनका कहना है कि पहले सड़क और नाले का निर्माण हो तभी रेल लाइन शुरू हो। वह कहते हैं कि वे लोग अब मुख्यमंत्री से रास्ते को लेकर गुहार लगाएंगे।

राज्य सरकार के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि जलालपुर गांव के लोगों की मांग पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा।

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अरविंद कुमार रजक ने कहा कि जिस जमीन को रास्ते के लिए ग्रामीण मांग रहे हैं, वह जमीन रेलवे ने परियोजना के आरंभ में खरीदा है। इसका मुआवजा भी दिया जा चुका है। उस जमीन को मुफ्त में रास्ते के लिए नहीं दिया जा सकता। इस संबंध में रेलवे बोर्ड भी स्थिति स्पष्ट कर चुका है।

इस बीच रजक कहते हैं कि पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन और पुल निर्माण के फिनिश्िंाग कार्य का काम लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि रेलवे की ओर से करीब सभी कार्य पूरे हो चुके हैं। बिंद टोला गांव के पास गार्डवॉल का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि एप्रोच रूट और ट्रैक लिंकिंग के काम में भी तेजी लाई गई है। उनका कहना है कि 25 जुलाई को इंजन ट्रायल किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि इस पुल के प्राारंभ होने से सोनपुर, वैशाली, छपरा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, गोरखपुर, वीरगंज, रक्सौल सहित बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र सीधे पटना से जुड़ जाएंगे। मौजूदा समय में खस्ताहाल महात्मा गांधी सेतु पर वाहनों का जबर्दस्त दबाव है। रोजाना घंटों जाम में फंसे रहना लोगों की नियति बन चुकी है। दीघा-सोनपुर रेल सड़क पुल बन जाने से जहां महात्मा गांधी सेतु पर वाहनों की संख्या कम हो जाएगी, वहीं पटना से सोनपुर की दूरी 10-15 मिनट में तय की जा सकेगी।

कब पूरी होगी दीघा-सोनपुर रेल सड़क परियोजना? Reviewed by on . पटना, 19 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार की बहुप्रतीक्षित योजनाओं में शामिल पटना में गंगा नदी के ऊपर बन रहे दीघा-सोनपुर रेल सड़क पुल परियोजना वर्ष 2009 में पूरी होने वाल पटना, 19 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार की बहुप्रतीक्षित योजनाओं में शामिल पटना में गंगा नदी के ऊपर बन रहे दीघा-सोनपुर रेल सड़क पुल परियोजना वर्ष 2009 में पूरी होने वाल Rating:
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