बेंगलुरू, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक 2020 तक करीब 20 हजार स्टार्टअप को खड़ा होने में मदद करेगा, जिससे छह लाख प्रत्यक्ष और 12 लाख परोक्ष रोजगार पैदा होंगे। यह बात राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को कही।
18वां बेंगलुरू आईटीईडॉटबिज 2015 का श्रीगणेश करते हुए उन्होंने कहा, “हम एक स्टार्टअप सेल स्थापित कर रहे हैं, जहां एक ही स्थान पर उद्यमियों को स्टार्टअप स्थापित करने में मदद और मार्गदर्शन दी जाएगी क्योंकि उन्हें कंपनी से संबंधित कानून और व्यवस्थाओं की कम जानकारी होगी।”
राज्य सरकार ने हाल ही में स्टार्टअप नीति 2015-20 जार की है।
तीन दिवसीय प्रदर्शनी में 2,000 से अधिक कंपनियां हिस्सा ले रही हैं।
देश में पहली बार 1980 में बेंगलुरू के दक्षिणी छोड़ पर 400 एकड़ भूखंड पर इलेक्ट्रॉनिक सिटी स्थापित किया गया था, जो अब करीब 200 सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर कंपनियों का ख्यातिप्राप्त गढ़ बन गया है, जिसमें इंफोसिस और विप्रो जैसी विख्यात कंपनियां भी शामिल हैं।
बेंगलुरू से भीड़ हटाने के लिए और दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों को नक्शे पर लाने के लिए राज्य सरकार ने एक नई औद्योगिकी नीति भी तैयार की है, जिसमें देशी और विदेशी कंपनियों को कई तरह के प्रोत्साहन और दूट दिए गए हैं।
उद्यमियों और स्टार्टअप को आकर्षित करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी केओनिक्स ने हुबली, शिवमोगा और कलबुर्गी में आईटी पार्क विकसित किए हैं।
इस अवसर पर इंफोसिस के सह-संस्थापक और आईटी पर कर्नाटक के विजन ग्रुप के प्रमुख्पा एस. गोपालकृष्णन, नैसकॉम अध्यक्ष आर. चंद्रशेखर, सॉफ्टवेयर टेक्न ोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया के महानिदेशक आंकार राय, आईबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक वनिता नारायणन और कर्नाटक की प्रधान सचिव-आईटी वी. मंजुला ने भी वक्तव्य दिए।