नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)। कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों को रोकने के लिए एक जीप के सामने एक कश्मीरी व्यक्ति को बांधने के मामले में शामिल रहे सेना के एक मेजर को सेना प्रमुख के प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है।
सैन्य अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि 53 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर लीटुल गोगोई को यह प्रशस्ति पत्र आतंकवाद रोधी अभियानों में उनके सतत प्रयासों के लिए दिया गया है।
सैन्य अधिकारियों ने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि कहीं इस पुरस्कार का संबंध मानव ढाल की घटना से तो नहीं है।
उल्लेखनीय है कि श्रीनगर उपचुनाव के दौरान नौ अप्रैल को उतारे गए एक वीडियो में एक व्यक्ति को जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम में सेना की एक जीप के सामने बंधा हुआ दिखाया गया था, जिसके हाथ में एक तख्ती थी। बाद में इस व्यक्ति की पहचान फारूक अहमद डार के रूप में हुई थी।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसे लेकर काफी होहल्ला मचा था। उसके बाद जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने सुरक्षा बलों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
सेना ने 15 अप्रैल को घटना की जांच के आदेश दिए थे और जांच रपट आनी अभी बाकी है।
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने हालांकि इस सैन्य अधिकारी का पक्ष लिया था और कहा था कि इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि अधिकारी के ऊपर उन लोगों की जिंदगी बचाने की जिम्मेदारी थी, जो चुनावी प्रक्रिया में शामिल थे और भीड़ में शामिल थे।
जेटली ने कहा था, “हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सेना एक जिम्मेदार संस्थान है और सेना की रुचि चुनावी प्रक्रिया में शामिल विभिन्न लोगों की जिंदगी बचाने में और विरोध प्रदर्शन के लिए जुटी भीड़ में शामिल लोगों की जिंदगी बचाने में थी।”
गोगोई को सेवारत और पूर्व सैन्य अधिकारियों का भी समर्थन मिला था।