नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। सरकार ने सर्वाधिक दुर्गम गंतव्यों तक पहुंच सुनिश्चित करने के अनुरूप जम्मू एवं कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के 10 क्षेत्रों में प्रायोगिक आधार पर हेलीकॉप्टर सेवा के परिचालन को मंजूरी दे दी है। बाद में स्थानीय आबादी की आवश्यकताओं के आकलन के बाद इस योजना को अन्य क्षेत्रों तक विस्तारित किया जा सकता है।
यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, जम्मू एवं कश्मीर और हिमाचल प्रदेश की सरकारें वर्तमान आवश्यकताओं के आधार पर गृह मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर अपने राज्यों में सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की दोबारा पहचान/चयन कर उड़ान के घंटों को अंतिम रूप देंगी। हेलीकॉप्टर संपर्क उपलब्ध कराने का निर्णय लेते समय सड़क यात्रा और हवाई यात्रा के समय के अंतर को महत्वपूर्ण कारक के रूप में लिया जा सकता है।
बयान के अनुसार, जम्मू एवं कश्मीर के मामले में श्रीनगर के पांच सेक्टरों के लिए संयुक्त कार्य समूह की सिफारिशें स्वीकार कर ली गई हैं। इनमें श्रीनगर-कारगिल-श्रीनगर, श्रीनगर-द्रास-श्रीनगर, कारगिल-पदम-लेह-पदम-कारगिल, लेह-लिंगशेड-लेह, श्रीनगर-लेह-श्रीनगर सेक्टर शामिल हैं।
बयान में कहा गया है कि भारत सरकार हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग करने वाले पात्र यात्रियों की वास्तविक संख्या पर सब्सिडी देगी। खाली सीटों के लिए सब्सिडी नहीं दी जाएगी। यह सब्सिडी राज्य के स्थानीय निवासियों को आपातकालीन सेवा में और आम यात्री सेवाओं में दी जाएगी। अति महत्वपूर्ण व्यक्ति, राज्य सरकार के अधिकारी के दौरे, आयकरदाता और पर्यटक किराए में सब्सिडी के लिए योग्य नहीं होंगे।
बयान के अनुसार, सेवाओं का परिचालन करने वालों का चयन राज्य सरकार द्वारा खुली टेंडर प्रक्रिया से किया जाएगा। राज्य में हेलीकाप्टर सेवा का परिचालन मार्च, 2017 तक या अनुबंध समाप्त होने तक अथवा जो भी पहले हो तक रहेगा।