नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी.नड्डा ने हिमाचल प्रदेश में केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली में डीपीटी और टीटी के टीकों के उत्पादन के लिए केंद्र सरकार की अपने किस्म की पहली करंट गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (सीजीएमपी) अनुवर्ती सुविधा का रविवार को उद्घाटन किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सीडीएससीओ के संभागीय कार्यालय का कंटेनर कॉपोरेशन ऑफ इंडिया भवन बद्दी से कार्य करने की घोषणा की। इससे हिमाचल प्रदेश की दवाई कंपनियों को मदद मिलेगी तथा हिमाचल प्रदेश, पंजाब व हरियाणा के निर्यातकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र और मंजूरी प्राप्त करने में आसानी रहेगी। यह कार्यालय एक सप्ताह में काम करना शुरू कर देगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार बद्दी में सीडीएससीओ के संभागीय कार्यालय के लिए जगह उपलब्ध करने पर सहमत हो गई है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि गुणवत्ता युक्त दवाइयों के उत्पादन को सुनिश्चित करने के लिए वस्तु उत्पादन प्रक्रियाओं (जीएमपी) और अच्छी प्रयोगशाला प्रक्रियाओं (जीएलपी) पर बद्दी में मई महीने में तीन से चार व्यापक कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नियामकों में से सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ संबंधित विषयों पर उद्योग को जानकारी देंगे।
सीआरआई की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने संस्थान को बधाई दी और कहा कि यह देश और सीआरआई की टीका उत्पादन क्षमता में एक मील का पत्थर है। सीआरआई अगले महीने में अपना 111वां स्थापना दिवस मनाने के लिए तैयार है।
सीआरआई टीका निर्माण करने के क्षेत्र में कुछ अग्रणी संस्थानों में से एक है। संस्थान में जापानी इंसेफलाइटिस टीका, रैबिज टीके और टाइफाइड टीकों का उत्पादन करने की योजना बनाई है। इजीएमपी अनुवर्ती सुविधाएं और नवीन प्रौद्योगिकी की प्रगति के अनुप्रयोग की स्थापना के बाद संस्थान ने ऐसा करने की योजना बनाई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर सीआरआई की वेबसाइट का भी शुभारंभ किया। यह संस्थान डीपीटी और टीटी टीकों के लिए सरकार के वैश्विक टीकाकरण कार्यक्रम के लिए टीकों का सबसे प्रमुख आपूर्तिकताओं में से एक है। यह संस्थान सांप के काटने, रैबिज और डिप्थीरिया के लिए विभिन्न जीवन रक्षक एंटीसिरा का निर्माण और आपूर्ति में शामिल है।