नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव के खिलाफ अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में जारी गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) पर रोक लगा दी।
अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी समर विशाल ने एनबीडब्ल्यू पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तारीख तय की।
तीनों नेताओं के खिलाफ सुनवाई में पेश नहीं होने के चलते वारंट मंगलवार को जारी किए गए थे। इसके बाद केजरीवाल के वकील ने अदालत में आवेदन दिया जिसमें वारंट पर स्टे की मांग की गई थी।
शर्मा ने आरोप लगाया है कि 2013 में आम आदमी पार्टी (आप) ने उनसे संपर्क कर कहा कि केजरीवाल उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यो से खुश हैं और चाहते हैं कि वे पार्टी टिकट पर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़े। हालांकि, बाद में उन्हें टिकट नहीं दिया गया।
शर्मा ने कहा कि 14 अक्टूबर 2013 को प्रमुख अखबारों में प्रकाशित लेखों में ‘आरोपी व्यक्तियों द्वारा अपमानजनक, गैरकानूनी और अपमानजनक शब्द इस्तेमाल किए गए’ जिसके कारण बार काउंसिल और समाज में उनकी छवि खराब हुई।
योगेंद्र यादव 2015 तक आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे, इसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़कर स्वराज इंडिया का गठन किया।