अलप्पुझा (केरल), 9 सितम्बर (आईएएनएस)। केरल के पैरा-तैराक 51 वर्षीय ई. डी. बाबुराज ने आतंकवाद के भयावह खतरे के खिलाफ मुहीम के तौर पर 25 किलोमीटर बिना रुके तैराकी करने का फैसला किया है।
अलप्पुझा (केरल), 9 सितम्बर (आईएएनएस)। केरल के पैरा-तैराक 51 वर्षीय ई. डी. बाबुराज ने आतंकवाद के भयावह खतरे के खिलाफ मुहीम के तौर पर 25 किलोमीटर बिना रुके तैराकी करने का फैसला किया है।
कोट्टयम जिले के कुट्टानाड के रहने वाले बाबूराज 14 अक्टूबर को यह मैराथन तैराकी करेंगे।
बाबुराज अपने इस तैराकी अभियान की शुरुआत चम्पाकुलन से करेंगे और अलाप्पुझा के पास पुन्नामाडा झील से होते हुए लोकप्रिय नेहरू बोट रेस पर इसका समापन करेंगे।
बाबूराज ने आईएएनएस से कहा, “मैंने सोचा कि मैं 25 किलोमीटर बिना रुके तैरकर आतंकवाद के विनाशकारी प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने की दिशा में थोड़ा तो काम कर सकता हूं।”
केरल का चावल का कटोरा कहे जाने वाले कुट्टानाड क्षेत्र में स्थित पुन्नामाडा झील देश की सबसे लंबी वेम्बानाड झील का हिस्सा है।
बाबूराज ने अपने इस अभियान के लिए अभ्यास भी शुरू कर दिया है। उनके संरक्षक बी. पद्मकुमार उनकी फिटनेस का पूरा ध्यान रख रहे हैं।
बाबुराज 14 अक्टूबर को सुबह छह बजे अपना तैराकी अभियान शुरू करेंगे और दोपहर तक उनके समापन रेखा पहुंचने की उम्मीद है।
पिछले साल उन्होंने वेम्बानाड झील में 10 किलोमीटर तक तैराकी की थी। इस कारण बाबूराज का नाम यूनिवर्सल रिकॉर्ड फोरम एशियन रिकॉर्डस में दर्ज हो गया था।
बाबूराज ने तीन घंटे तक तैराकी कर ‘विकलांग श्रेणी’ में नया रिकॉर्ड भी बनाया। इसके अलावा, उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय व्हीलचेयर एवं ऐम्प्युटी खेल महासंघ (आईडब्ल्यूएएस) विश्व चैम्पियनशिप के लिए भी क्वालीफाई करने में सफल रहे। इनका आयोजन रूस के सोच्चि में हुआ।
हालांकि बाबूराज सोच्चि विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने के लिए जरूरी तीन लाख रुपयों का इंतजाम नहीं कर सके और टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सके।
बाबूराज ने बचपन से ही तैराकी शुरू कर दी थी, लेकिन 12 साल की उम्र में वह एक दुर्घटना का शिकार हो गए, जिसमें उन्हें अपना बायां हाथ खोना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।