टोरंटो, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। कैंसर के रोगियों को इस जानलेवा बीमारी से होने वाले भयानक दर्द से आने वाले समय में छुटकारा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि वैज्ञानिकों ने इस दर्द के कारण का पता लगा लिया है।
अध्ययन के दौरान हुए खुलासे के मुताबिक, घातक दर्द का कारण एक जीन है।
अध्ययन में यह बात सामने आई कि कैंसर कोशिकाओं की सतह पर पाया जाने वाला जीन ‘टीएमपीआरएसएस2’ शरीर को दर्द का अहसास कराने वाले तंत्रिका कोशिकाओं के संपर्क में आता है, जो दर्द का कारण बनता है।
युनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के मुख्य शोधकर्ता डेविड लैम ने कहा, “प्रोस्ट्रेट कैंसर पर हुए शोध में यह बात पहले ही सामने आ चुकी है कि अगर आपके शरीर में टीएमपीआरएसएस2 जीन मार्कर हों, तो प्रोस्ट्रेट कैंसर बेहद गंभीर रूप अख्तियार कर लेता है।”
इस अध्ययन में लैम ने पाया कि यह जीन केवल सिर तथा गर्दन के कैंसर के रोगियों में ही मौजूद नहीं होता, बल्कि प्रोस्ट्रेट कैंसर के रोगियों में यह बेहद अधिक संख्या में होता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि टीएमपीआरएसएस2 की जितनी अधिक संख्या दर्द उत्पन्न करने वाले तंत्रिका कोशिकाओं के संपर्क में आते हैं, रोगी को उतना ही अधिक दर्द होता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, सिर व गर्दन के कैंसर में रोगियों को सर्वाधिक दर्द होता है, जिसके बाद प्रोस्ट्रेट कैंसर में। वहीं मिलेनोमा व त्वचा कैंसर में सबसे कम दर्द होता है।
कैंसर के दौरान दर्द में टीएमपीआरएसएस2 की भूमिका का पता चलने से इस घातक बीमारी में दर्द को कम करने का उपाय ढूंढने में वैज्ञानिकों को मदद मिलेगी।
यह अध्ययन पत्रिका ‘पेन’ में प्रकाशित हुआ है।