नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)।कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़े मामलों की जांच के लिए पिछले साल एक विशेष अदालत गठित की गई थी। इस अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से संबंधित मामले सहित छह मामलों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दाखिल समापन रपट खारिज कर दी है।
नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)।कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़े मामलों की जांच के लिए पिछले साल एक विशेष अदालत गठित की गई थी। इस अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से संबंधित मामले सहित छह मामलों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दाखिल समापन रपट खारिज कर दी है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में रोज-रोज नए मामले सामने आने के बाद 18 जुलाई, 2014 को मामले की सुनवाई के लिए सीबीआई की एक विशेष अदालत गठित की थी।
सीबीआई ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में पहला आरोप-पत्र 10 मार्च, 2014 को दाखिल की थी। उसने 15 मामलों में जांच रपट दाखिल की थी। सीबीआई ने इनमें से नौ मामलों में आरोप-पत्र और छह मामलों में समापन रपट दाखिल की थी।
विशेष अदालत इनमें से पांच मामलों में सीबीआई की समापन रपट से संतुष्ट नहीं हुई और उसे आगे जांच करने के लिए कहा। इन पांच मामलों में से एक हिंडाल्को को हुए कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव पी.सी. पारेख एवं अन्य को सम्मन जारी हुआ था।
शीर्ष न्यायालय ने एक अप्रैल को मनमोहन सिंह के सम्मन पर रोक लगा दी थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने न्यायालय के आदेश पर पांच मामलों की जांच जारी रखी। न्यायालय ने हिडाल्को सहित पांच में से चार मामलों में संज्ञान लिया।
इन मामलों में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भरत पाराशर ने विभिन्न शीर्ष नेताओं, सरकारी अधिकारियों और कॉरपोरेट घरानों के नाम पर सम्मन जारी किए थे। इन मामलों में से एक कोलकाता की विकास मेटल एंड पॉवर लिमिटेड (वीएमपीएल) को पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोरे (उत्तर एवं दक्षिण) कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित है। मामले की जांच अब भी जारी है।
छठी समापन रपट प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड से जुड़े कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित है। अदालत को इस मामले में अभी संज्ञान लेना बाकी है। सीबीआई ने नौ मामलों में जो आरोप-पत्र दाखिल किए हैं, उनमें पूर्व केंद्रीय इस्पात एवं कोयला मंत्री दासारि नारायण राव, पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव एच.सी.गुप्ता, पूर्व सांसद एवं उद्योगपति नवीज जिंदल, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और राज्यसभा सांसद विजय दर्डा के नाम शामिल हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एस. चीमा विशेष लोक अभियोजक हैं। विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने पिछले साल 25 अगस्त को कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित सभी मामले उनकी अदालत में स्थानांतरित होने के बाद अपनी दैनिक सुनवाई शुरू कर दी है।