चेन्नई- द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) प्रमुख एम. करुणानिधि ने सोमवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भगवत गीता को देश का राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किए जाने वाले बयान की निंदा करते हुए कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। करुणानिधि ने यहां जारी एक बयान में कहा कि संविधान में कहा गया है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र है और केंद्र सरकार को सभी धर्मो के साथ समान रूप से पेश आना चाहिए और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का अनुसरण करना चाहिए।
उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार जो कि जन कल्याण के लिए विभिन्न उपाय कर रही है, वह इन अनचाही गतिविधियों में उलझकर अपना नाम खराब कर रही है।
करुणानिधि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करते हुए कहा कि वह इस तरह के विवादास्पद विचारों से दूर रहकर केंद्र सरकार के विकास कार्यो को बिना किसी रुकावट के सावधानीपूर्वक आगे बढ़ाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बराक ओबामा को भगवतगीता उपहारस्वरूप देने की सराहना करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गीता को राष्ट्रीय गं्रथ के तौर पर घोषित करने की मांग पर जोर दिया था।