नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने राज्यसभा में मंगलवार को जूट किसानों तथा मिल के मजदूरों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि खाद्य विभाग ने गेहूं की जूट बैग में पैकेजिंग की अनिवार्यता को खत्म करने की मांग की है।
राज्यसभा में मुद्दे को शून्य काल में उठाते हुए रॉय ने कहा कि जूट की खेती में 40 लाख किसान शामिल हैं।
सदस्य ने कहा कि खाद्य मंत्रालय ने जूट पैकेजिंग मेटेरियल (कंपल्सरी यूज इन पैकेजिंग कमोडिटिज) अधिनियम, 1987 (जेपीएमए) के तहत गेहूं की पैकिंग जूट के बैग में ही की जा सकती है, जिसे विभाग ने हटाने की मांग की है।
रॉय ने कहा, “मैं इसका विरोध करता हूं और सरकार से अनुरोध करता हूं कि वे प्लास्टिक लॉबी के चक्कर में न पड़े। इस सरकार ने वादा किया है कि वह किसानों व मजदूरों के लिए काम करेगी।”
रॉय की इस मांग का सत्तारूढ़ तथा विपक्ष के कई अन्य सदस्यों ने भी समर्थन किया।
अनुमान के मुताबिक, जूट उद्योग पूर्वी भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आठ हजार करोड़ रुपये का योगदान करता है। इस कानून को हटाने से पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, असम तथा मेघालय जैसे राज्य सर्वाधिक प्रभावित होंगे।