Friday , 17 May 2024

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गोल्ड मोनेटाइजेशन, बांड योजना के मुख्य बिंदु

नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने बुधवार को गोल्ड मोनेटाइजेशन और गोल्ड बांड योजना को मंजूरी दे दी। प्रस्तुत है दोनों योजनाओं के मुख्य बिंदु :

गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना :

– न्यूनतम 30 ग्राम की सीमा।

– जमाकर्ताओं के सोने की जांच करने और जमा स्वीकार करने के लिए 331 निर्धारित केंद्र।

– सोना ईंट या आभूषण किसी भी रूप में हो सकता है।

– ग्राहक को एक स्वर्ण बचत खाता खोलना होगा।

– खाते में सोने की गणना ग्राम इकाई में होगी।

– सरकार जमा सोने को परिशोधक के पास भेजेगी।

– परिशोधक तब तक अपने गोदाम में सोना रखेंगे, जब तक बैंक इसकी मांग न करे।

– बैंक परिशोधक को पारस्परिक सहमति से तय शुल्क देगा।

– ग्राहक को शुल्क नहीं देना होगा।

– सोना लघु, मध्यम या दीर्घ अवधि के लिए जमा किया जा सकता है।

– शुल्क चुका कर लॉक इन अवधि को तोड़ा जा सकता है।

– लघु अवधि जमा पर ब्याज दर बैंक तय करेगा।

– मध्यम और दीर्घ अवधि की ब्याज दर सरकार तय करेगी।

– ब्याज दर की गणना और भुगतान रुपये में।

– लघु अवधि जमा को नकदी या सोने में छुड़ाया जा सकेगा।

– आंशिक भुगतान हालांकि नकदी में होगा।

– मध्य और दीर्घ अवधि जमा को सिर्फ नकदी में छुड़ाया जा सकेगा।

– जमा सोने का उपयोग नीलामी, रिजर्व बैंक के भंडार में, सिक्का निर्माण में या कर्ज देने में किया जा सकेगा।

– यथायोग्य कर छूट भी।

– स्वर्ण आरक्षित कोष तैयार किया जाएगा।

– आभूषण निर्माता एक स्वर्ण धातु ऋण खाता खोल सकेंगे, जिसमें गणना ग्राम सोने में की जाएगी।

– लघु अवधि के तहत जमा सोना आभूषण निर्माताओं को ऋण के रूप में दिया जा सकेगा।

– मंजूरी के बाद आभूषण निर्माताओं को सोने की आपूर्ति।

गोल्ड बांड योजना के प्रमुख बिंदु :

– रुपये की अदायगी पर बांड जारी होगी, इसका मूल्यांकन ग्राम सोना में होगा।

– इसके साथ सरकार की गारंटी जुड़ी होगी।

– जारीकर्ता एजेंसी इंटरमीडिएरी को वितरण शुल्क देंगे।

– सरकार इसकी प्रतिपूर्ति करेगी।

– सिर्फ देश में रहने वाले भारतीयों के लिए ही।

– बांड की अधिकतम सीमा प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 500 ग्राम।

– ब्याज दर निर्धारण सरकार करेगी।

– बांड इलेक्ट्रॉनिक या कागज के रूप में होगा।

– बांड 5, 10, 50, 100 ग्राम सोने का होगा।

– इस योजना के लिए रिजर्व बैंक द्वारा घोषित संदर्भ मूल्य के आधार पर मूल्य निर्धारण।

– बैंक, डाक घर और गैर बैंकिंग कंपनियां जैसी अधिसूचित एजेंसियां पैसे ले/दे सकती हैं।

– बांड की परिपक्व ता अवधि 5-7 साल।

– बांड पर ऋण भी लिया जा सकेगा।

– बांड एक्सचेंज पर सरलता से खरीदा-बेचा जा सकेगा।

– पूंजी लाभ कर वास्तविक सोने जैसा।

– पूंजी लाभ कर महंगाई दर के अनुरूप।

– योजना से जुटाई गई राशि का उपयोग सरकार कर्ज ली गई राशि की तरह से कर सकेगी।

– परिपक्व ता पर सिर्फ रुपये में भुगतान।

– ब्याज की गणना निवेश के अनुरूप सोने के मूल्य पर।

– मूल धन की वापसी सोने की तत्कालीन कीमत के आधार पर।

– यदि सोने का मूल्य घट जाए, तो निवेशक बांड की अवधि तीन या अधिक वर्ष के लिए बढ़ा सकते हैं।

– जमा राशि की हेजिंग नहीं होगी और सभी जोखिम सरकार उठाएगी।

– स्वण आरक्षित कोष के अस्थिर होने पर स्थिति की समीक्षा हो सकेगी।

– बांडों की बिक्री मंजूरी मिलने पर डाक घरों, बैंकों और गैर-बैंकिंग कंपनियों द्वारा की जा सकेगी।

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