नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने बुधवार को गोल्ड मोनेटाइजेशन और गोल्ड बांड योजना को मंजूरी दे दी। प्रस्तुत है दोनों योजनाओं के मुख्य बिंदु :
गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना :
– न्यूनतम 30 ग्राम की सीमा।
– जमाकर्ताओं के सोने की जांच करने और जमा स्वीकार करने के लिए 331 निर्धारित केंद्र।
– सोना ईंट या आभूषण किसी भी रूप में हो सकता है।
– ग्राहक को एक स्वर्ण बचत खाता खोलना होगा।
– खाते में सोने की गणना ग्राम इकाई में होगी।
– सरकार जमा सोने को परिशोधक के पास भेजेगी।
– परिशोधक तब तक अपने गोदाम में सोना रखेंगे, जब तक बैंक इसकी मांग न करे।
– बैंक परिशोधक को पारस्परिक सहमति से तय शुल्क देगा।
– ग्राहक को शुल्क नहीं देना होगा।
– सोना लघु, मध्यम या दीर्घ अवधि के लिए जमा किया जा सकता है।
– शुल्क चुका कर लॉक इन अवधि को तोड़ा जा सकता है।
– लघु अवधि जमा पर ब्याज दर बैंक तय करेगा।
– मध्यम और दीर्घ अवधि की ब्याज दर सरकार तय करेगी।
– ब्याज दर की गणना और भुगतान रुपये में।
– लघु अवधि जमा को नकदी या सोने में छुड़ाया जा सकेगा।
– आंशिक भुगतान हालांकि नकदी में होगा।
– मध्य और दीर्घ अवधि जमा को सिर्फ नकदी में छुड़ाया जा सकेगा।
– जमा सोने का उपयोग नीलामी, रिजर्व बैंक के भंडार में, सिक्का निर्माण में या कर्ज देने में किया जा सकेगा।
– यथायोग्य कर छूट भी।
– स्वर्ण आरक्षित कोष तैयार किया जाएगा।
– आभूषण निर्माता एक स्वर्ण धातु ऋण खाता खोल सकेंगे, जिसमें गणना ग्राम सोने में की जाएगी।
– लघु अवधि के तहत जमा सोना आभूषण निर्माताओं को ऋण के रूप में दिया जा सकेगा।
– मंजूरी के बाद आभूषण निर्माताओं को सोने की आपूर्ति।
गोल्ड बांड योजना के प्रमुख बिंदु :
– रुपये की अदायगी पर बांड जारी होगी, इसका मूल्यांकन ग्राम सोना में होगा।
– इसके साथ सरकार की गारंटी जुड़ी होगी।
– जारीकर्ता एजेंसी इंटरमीडिएरी को वितरण शुल्क देंगे।
– सरकार इसकी प्रतिपूर्ति करेगी।
– सिर्फ देश में रहने वाले भारतीयों के लिए ही।
– बांड की अधिकतम सीमा प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 500 ग्राम।
– ब्याज दर निर्धारण सरकार करेगी।
– बांड इलेक्ट्रॉनिक या कागज के रूप में होगा।
– बांड 5, 10, 50, 100 ग्राम सोने का होगा।
– इस योजना के लिए रिजर्व बैंक द्वारा घोषित संदर्भ मूल्य के आधार पर मूल्य निर्धारण।
– बैंक, डाक घर और गैर बैंकिंग कंपनियां जैसी अधिसूचित एजेंसियां पैसे ले/दे सकती हैं।
– बांड की परिपक्व ता अवधि 5-7 साल।
– बांड पर ऋण भी लिया जा सकेगा।
– बांड एक्सचेंज पर सरलता से खरीदा-बेचा जा सकेगा।
– पूंजी लाभ कर वास्तविक सोने जैसा।
– पूंजी लाभ कर महंगाई दर के अनुरूप।
– योजना से जुटाई गई राशि का उपयोग सरकार कर्ज ली गई राशि की तरह से कर सकेगी।
– परिपक्व ता पर सिर्फ रुपये में भुगतान।
– ब्याज की गणना निवेश के अनुरूप सोने के मूल्य पर।
– मूल धन की वापसी सोने की तत्कालीन कीमत के आधार पर।
– यदि सोने का मूल्य घट जाए, तो निवेशक बांड की अवधि तीन या अधिक वर्ष के लिए बढ़ा सकते हैं।
– जमा राशि की हेजिंग नहीं होगी और सभी जोखिम सरकार उठाएगी।
– स्वण आरक्षित कोष के अस्थिर होने पर स्थिति की समीक्षा हो सकेगी।
– बांडों की बिक्री मंजूरी मिलने पर डाक घरों, बैंकों और गैर-बैंकिंग कंपनियों द्वारा की जा सकेगी।