पणजी, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिका के इस्कॉन श्रद्धालुओं ने पूर्व अमेरिकी सैनिक और हरे कृष्ण श्रद्धालु कैटन्या होल्ट की मौत के मामले की जांच की मांग के लिए एक ऑनलाइन अर्जी की शुरुआत की है।
जनवरी में गोवा के एक गांव में होल्ट की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
होल्ट की पूर्व सहयोगी मिसिसिप्पी निवासी लीला ग्रेनहम ने यह आनलाइन याचिका शुरू करते हुए चेतावनी भी दी है कि अगर राज्य प्रशासन ने जांच को गंभीरता से नहीं लिया तो पर्यटन स्थल के तौर पर गोवा के खिलाफ दुष्प्रचार किया जाएगा।
ग्रेनहम ने अपनी ऑनलाइन याचिका में कहा, “हम कैटन्या की हत्या की जांच की मांग करने के लिए और गोवा में कानून व्यवस्था की बुरी स्थिति के बारे में बताने के लिए मुंबई में अमेरिका के महावाणिज्य दूत थॉमस एल. वाजदा का भी आह्वान कर रहे हैं। राज्य में कानून व्यवस्था की बुरी स्थिति के कारण कई पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों की मौत हो चुकी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है कि इस तटीय राज्य में होल्ट, ड्रग माफिया का शिकार हो गया हो।
लीला की याचिका जनवरी में शुरू हुए ‘जस्टिसफॉरकैटन्य’ अभियान का हिस्सा है। गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने ग्रेनहम की मौत में कोई साजिश होने की रिपोर्ट खारिज कर दी थीष इसके बाद यह अभियान शुरू किया गया था।
मीडिया में यह खबरें भी आई थीं कि होल्ट की पिटाई की गई थी।
अमेरिका के ओहियो राज्य के निवासी कैटन्या होल्ट की 12 जनवरी को पणजी से 25 किलोमीटर दूर गोवा के कोरगाओ गांव में कीचड़ से भरे खेत में कथित तौर पर दम घुटने से मौत हुई थी। पुलिस कर्मियों और ग्रामीणों ने उसे चोर समझकर दौड़ाया था।
अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों और इस्कॉन के एक सदस्य की मौजूदगी में हुए होल्ट के पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ था कि उसकी मौत कीचड़ में दम घुटने के कारण हुई थी।
गोवा के सरकारी मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक डॉक्टर्स के एक दल द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में गैर घातक चोटें भी पाई गई थीं, जिसके बाद होल्ट के विसरा के नमूनों को जांच के लिए एक केंद्रीय फोरेंसिक संस्थान भेजा गया था।
चार महीनों के बाद भी जांच के परिणाम नहीं आए हैं। जांच में देरी से होल्ट के दोस्त नाराज हैं।
ग्रेनहम ने अर्जी में कहा, “अब तक मुंबई में अमेरिकी वाणिज्य दूत, होल्ट की हत्या से संबंधित परिस्थितियों की जांच में नाकाम रहे हैं। इसलिए मैंने यह अर्जी शुरू की है और महावाणिज्य दूत थॉमस एल. वाजदा से कार्रवाई की मांग की है।”
अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, “हम स्थानीय पुलिस के साथ इस मामले में संपर्क में हैं। हालांकि, मामले की जांच करना भारतीय प्रशासन के हाथ में है।”