नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली में प्रथम ‘कार फ्री डे’ से पहले ग्रीनपीस ने रविवार को दिल्ली हाट में वायु प्रदूषण के बारे में जानकारी देने के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया और लोगों को वायु प्रदूषण से बचाव के बारे में बताया।
ग्रीनपीस ने सरकार से मांग की है कि राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (एनएक्यआई) में जरूरी सुधार किए जाएं, ताकि वायु प्रदूषण की सही-सही जानकारी लोगों को मिल सके।
वायु प्रदूषण सूचकांक के आकड़ों को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली में केवल 10 निगरानी केंद्र हैं, वहीं चेन्नई, बेंगलुरू और लखनऊ में तीन-तीन केंद्र हैं, जबकि हैदराबाद में दो केंद्र हैं और अन्य 10 शहरों में केवल एक-एक केंद्र ही हैं।
ग्रीनपीस के कैंपेनर सुनील दहिया ने कहा, “सर्दी के दिनों में वायु प्रदूषण ज्यादा बढ़ जाता है। लोगों के पास पहले से ही कोई जानकारी नहीं है और दुर्भाग्य से राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक भी पारदर्शिता के अभाव में सीमित प्रभाव ही डाल पा रहा है। जबतक राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक में कोई ठोस सुधार नहीं किया जाता, लोगों को एहतियाती कदम उठाने के लिए नहीं कहा जाता, तबतक सुधार की गुंजाइश नहीं है।”
यह कार्यक्रम ग्रीनपीस के ‘स्वच्छ वायु राष्ट्र अभियान’ के तहत स्वयंसेवकों द्वारा आयोजित किया गया था। स्वयंसेवकों ने अनेक रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से लोगों को वायु प्रदूषण के खतरे से बचने के लिए बरते जाने वाले एहतियाती उपायों के बारे में बताया। कार्यक्रम में विशाल धरती के प्रतीक के रूप में एक बड़े ग्लोब को मास्क लगाया गया था।
कार्यक्रम के दौरान स्वयंसेवकों ने लोगों से बातचीत की और वायु प्रदूषण से जुड़े आसान से सवाल-जवाब किए। इन गतिविधियों के माध्यम से ग्रीनपीस ने लोगों से वायु प्रदूषण पर सरकार से सटीक जानकारी मांगने के लिए प्रोत्साहित किया और सरकार से मांग की कि वह स्वच्छ वायु को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए योजनाओं को अमलीजामा पहनाए।