म्यांमार के राष्ट्रपति के मुख्य राजनीतिक सलाहकार यू को को लाइंग ने इस परियोजना से म्यांमार और आसपास के क्षेत्र के विकास में भी योगदान मिलेगा।
यू ने मंगलवार को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि चीन वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास का मुख्य स्रोत है। उन्हें विश्वास है कि चीन देश के शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद सतत विकास बनाए रखने के लिए चुनौतियों का सामना कर सकेगा।
उन्होंने कहा कि चीन म्यांमार का सबसे बड़ा आर्थिक साझेदार देश है, जो न सिर्फ म्यांमार के निवेश का सबसे बड़ा स्रोत है, बल्कि देश का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है।
चीन-म्यांमार संबंध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि रणनीतिक एवं सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य के बावजूद चीन हमेशा ही म्यांमार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि चुनाव के बाद किस पार्टी की सरकार सत्ता में होगी।
म्यांमार की नई सरकार म्यांमार-चीन संबंध के विकास को प्राथमिकता देगी और यह संबंध लगातार शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पांच सिद्धांतों पर आगे बढ़ता रहेगा।
यू ने म्यांमार की शांति प्रक्रिया में चीन के दखल से संबंधित आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि म्यांमार की शांति प्रक्रिया में चीन की सकारात्मक भूमिका है।