बीजिंग, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। चीन और बांग्लादेश के बीच घनिष्ठ संबंध नई दिल्ली पर दक्षिण एशिया में अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने और बीजिंग के साथ अच्छे संबंध बनाने को उत्साहित होने के लिए दबाव डाल सकता है। यह बात चीनी मीडिया ने बुधवार को कही।
बीजिंग, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। चीन और बांग्लादेश के बीच घनिष्ठ संबंध नई दिल्ली पर दक्षिण एशिया में अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने और बीजिंग के साथ अच्छे संबंध बनाने को उत्साहित होने के लिए दबाव डाल सकता है। यह बात चीनी मीडिया ने बुधवार को कही।
हालांकि, चीन के सरकारी दैनिक ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपने संपादकीय में विस्तार से यह उल्लेख नहीं किया कि इस क्षेत्र में भारत की क्या रणनीति है।
भारत में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 15 अक्टूबर को भाग लेने के लिए रवाना होने से पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 14 अक्टूबर को ढाका पहुंचेंगे।
दैनिक के अनुसार, ढाका और बीजिंग के बीच प्रगाढ़ होते संबंधों से भारत को ईष्र्या नहीं होनी चाहिए और यह सोचना गलत है कि शी के बांग्लादेश दौरे का तात्पर्य नई दिल्ली के पाले से दक्षिण एशियाई देशों को झपटना है।
ग्लोबल टाइम्स ने कहा है, “हालांकि यह आवश्यकरूप से बुरी बात नहीं होगी, अगर चीन और बांग्लादेश के बीच घनिष्ठ संबंध इस क्षेत्र में अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच होने वाली बैठक में चीन के साथ और संबंध सुधारने के लिए प्रयास करने के लिए नई दिल्ली पर कुछ दबाव डालता है।”
रपट में कहा गया है कि भारत सोचता है कि उसे सीमित करने के लिए दक्षिण एशिया में चीन अपनी खास भूमिका के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।
रपट में आगे कहा गया है, “लेकिन इस तरह के विचार अत्यधिक सरल हैं।”
दैनिक ने कहा है, “65 देशों के चार अरब से अधिक लोगों को जोड़ने का उद्देश्य दक्षिण एशियाई उपमहाद्वीप पर बीजिंग का सामरिक घेरा बनाना नहीं है, बल्कि ठीक इसके विपरीत यह एक खुली पहल है जो बड़ी संख्या में अन्य देशों की भागीदारी का स्वागत करती है।”