भुवनेश्वर, 9 दिसम्बर (आईएएनएस)| लगातार दो हार के बाद होश में आई भारतीय हॉकी टीम ने मंगलवार को कलिंगा स्टेडियम में खेले गए चैम्पियंस ट्रॉफी के अपने अंतिम पूल मैच में नीदरलैंड्स को 3-2 से हरा दिया। इस प्रतियोगिता में भारत की यह पहली जीत है। साथ ही भारत ने चैम्पियंस ट्रॉफी में नीदरलैंड्स पर 28 साल बाद जीत हासिल की। आठ टीमों के इस आयोजन के पूल-बी में भारत को अपने पहले मैच में जर्मनी से 0-1 से हार मिली थी। इसके बाद अपने दूसरे मैच में उसे अर्जेटीना के हाथों 2-4 से शिकस्त खानी पड़ी थी। ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम बगैर कोई मैच जीते ही क्वार्टर फाइनल दौर का रुख करेगी लेकिन भारतीय टीम ने मजबूत नीदरलैंड्स को हराकर इस सम्भावना को खत्म कर दिया।
भारत की ओर से एसवी सुनील (33वें मिनट), मनप्रीत सिंह (47वें मिनट) और रुपिंदर पाल सिंह (49वें मिनट) ने गोल किया जबकि नीदरलैंड्स की ओर से मिंक वेरदेन ने 36वें और 58वें मिनट में दो गोल किए।
शुरूआत के दो क्वार्टर गोलरहित निकल जाने के बाद भारत ने 33वें मिनट में उस समय पहली सफलता हासिल की, जब गुरजिंदर सिंह के एक लम्बे और तेज पास पर एसवी सुनील ने डिफ्लेक्शन के जरिए गोल किया। यह एक उम्दा फील्ड गोल था। डच टीम ने इसके खिलाफ रेफरल मांगा लेकिन उसे नकार दिया गया।
डच टीम ने पहला गोल खाने के बाद हमला तेज कर दिया। 34वें और 35वें मिनट में उसे दो पेनाल्टी कार्नर मिले। पहला प्रयास नाकाम करने के प्रयास में गुरजिंदर सिंह डच टीम को दूसरा पेनाल्टी कार्नर दे बैठे। इस पर मिंक ने कोई गलती नहीं की और अपनी टीम को 1-1 की बराबरी पर ला दिया।
तीसरे क्वार्टर की समाप्ति तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं। चौथा क्वार्टर शुरू होने के साथ ही भारत ने तेजी से हमला किया। दानिश मुज्तबा ने 47वें मिनट में डच टीम के गोलपोस्ट पर दो हमले किए। पहला हमला बेकार गया लेकिन दूसरे प्रयास में दानिश के पास को मनप्रीत सफलतापूर्वक रोकने में सफल रहे। मनप्रीत ने बिना कोई गलती किए गेंद को गोलपोस्ट में डालकर अपनी टीम को 2-1 से आगे कर दिया।
भारत ने यह सफलता हासिल करने के दो मिनट बाद 49वें मिनट में एक बार फिर डच गोलपोस्ट पर हमला किया। अपने इस प्रयास के दौरान भारतीय टीम ने सफलतापूर्वक पेनाल्टी कार्नर अर्जित किया। इस पर रुपिंदर ने कोई गलती नहीं करते हुए भारत को 3-1 से आगे कर दिया।
डच टीम अब बराबरी के बारे में सोचने लगी थी। इसे ध्यान में रखकर उसने हमला तेज कर दिया। इस करम में उसे 57वें और 58वें मिनट में दो पेनाल्टी कार्नर मिले। पहला प्रयास तो नाकाम रहा लेकिन दूसरे प्रयास में मिंक भारतीय गोलकीपर और उपकप्तान पीआर श्रीजेश के दाईं ओर गेंद को सरकाकर अपनी टीम के लिए दूसरा गोल किया।
अंतिम मिनट में भी डच टीम ने जोरदार हमले किए लेकिन श्रीजेश उन्हें बचाने में सफल रहे। मैच समाप्ति की सीटी बजते के साथ ही भारतीय खिलाड़ी खुशी से झूमने लगे। आखिरकार भारत ने 1986 के बाद पहली बार नीदरलैंड्स जैसी मजबूत टीम को चैम्पियंस ट्रॉफी में हराया जो था।
नीदरलैंड्स और भारत के बीच यह अब तक का 13वां मैच था। नीदरलैंड्स ने आठ मैच जीते हैं जबकि भारत ने तीन में जीत हासिल की है। दो मैच ड्रॉ रहे हैं।