नक्सलियों से बरामद एक पत्र से यह खुलासा हुआ है। नक्सलियों से मिले सामान की तलाशी के दौरान मिले पत्र में बताया गया है कि आईजी कल्लूरी नक्सलियों का सबसे बड़ा दुश्मन है। यदि वह मार दिया जाता है तो आत्मसमर्पण की नीति बंद हो जाएगी। एरिया कमेटी मेम्बर वर्गिश ने यह पत्र जगदीश नाम के अपने एक बड़े लीडर को लिखा है।
मार्च महीने की तारीख वाले इस पत्र में इलाके में नक्सलवाद को बचाने के लिए आईजी का खात्मा जरूरी बताया गया है। इससे पहले भी नक्सली पत्रों व पचरें में आईजी कल्लूरी को मारने, फासीवादियों को मारने व ग्रीन हंट बंद करने की धमकी वाले सैकड़ों पर्चे व बैनर बरामद हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि बस्तर रेंज में पिछले दो वर्षों से तैनात आईजी एसआरपी कल्लूरी ने बस्तर में कई नक्सल विरोधी अभियान चलाए हैं, जिसके फलस्वरूप कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है। कल्लूरी के बारे में बताया जाता है कि वे बेहद सक्रिय अधिकारी हैं। नक्सल विरोधी अभियानों में खुद रात-रात भर पैदल चलकर हिस्सेदारी करते हैं और उत्तर छत्तीसगढ़ से नक्सल आंदोलन को खत्म करने में उनकी मुख्य भूमिका रही है।
डीजी (नक्सल ऑपरेशन) डी.एम. अवस्थी ने नक्सलियों द्वारा पर्चा फेंके जाने की बात स्वीकार की है। हालांकि उन्होंने इस मामले में ज्यादा कुछ कहने से इनकार किया। उनका कहना है कि पर्चा अभी उन तक नहीं पहुंचा है।