नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली उच्च न्यायालय के चार अगस्त के फैसले के बाद से उनके कार्यालय में जमा की गई 400 से अधिक फाइलों में अनियमितताओं की जांच के लिए मंगलवार को एक तीन सदस्यीय समिति गठित की है।
उच्च न्यायालय ने ऐसे मामलों की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, जिनमें उपराज्यपाल की पूर्व सहमति आवश्यक थी, लेकिन इसे नहीं लिया गया।
तीन सदस्यीय समिति में पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वी.के. शुंगलू, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी और पूर्व सर्तकता आयुक्त प्रदीप कुमार शामिल हैं।
समिति को उपराज्यपाल को समय-समय पर अंतरिम रपट और सिफारिशें और पहली बैठक के छह सप्ताह के भीतर अंतिम रपट पेश करने को कहा गया है।
उपराज्यपाल की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, “तीन सदस्यीय समिति प्रख्यात शख्सियतों की स्वतंत्र समिति है, जो कई दशकों से सार्वजनिक जीवन में रहे हैं और जिन्होंने पूरी निष्पक्षता और ईमानदारी के साथ उच्च सरकारी पदों पर काम किया है।”
उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, दिल्ली सरकार ने 400 से भी अधिक फाइलें जंग की स्वीकृति के लिए भेजी है।
बयान के मुताबिक, “इन फाइलों की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पिछले डेढ़ साल में कानूनी और वित्तीय निहितार्थो का उल्लंघन करते हुए कई फैसले लिए गए हैं।”
बयान के मुताबिक, “इनकी गहन जांच और आगे की कार्रवाई की सिफारिश जरूरी है। इसलिए इस समिति का गठन किया गया है।”
समिति फैसला करेगी कि क्या इन फाइलों में लिए गए फैसले और प्रक्रियाएं अधिनियमों/नियमों और संवैधानिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन हैं।
किसी भी प्रकार का गलत फैसला पाए जाने पर समिति उचित प्रशासनिक, आपराधिक या नागरिक कार्रवाई की सिफारिश भी कर सकती है।