रांची, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। मेडिकल सुरक्षा अधिनियम लागू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर झारखंड के चकित्सकों ने बुधवार को तीन दिवस हड़ताल शुरू की है।
हड़ताल का आह्वान झारखंड स्वास्थ्य सेवा संघ (जेएचएसए) ने किया है, जिसका इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने समर्थन किया है। आईएमए की झारखंड इकाई निजी चिकित्सकों के साथ 30 सितम्बर को हड़ताल में शामिल होगी।
जेएचएसए के सचिव विमलेश कुमार ने आईएएनएस से कहा, “हमारी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए हमने बुधवार से कार्य का बहिष्कार करना शुरू किया है। आपात सेवाओं को हड़ताल से अलग रखा गया है।”
बहिरंग विभाग की सेवाओं पर हड़ताल का असर पड़ा है। रोगियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि चिकित्सकों ने उनका उपचार करने से इनकार कर दिया है।
चिकित्सा सुरक्षा अधिनियम लागू करने की मांग के अलावा चिकित्सकों ने बिना गैर प्रैक्टिस भत्ता दिए निजी प्रैक्टिस बंद करने के सरकारी कदम का भी विरोध किया है।
चिकित्सकों की मांग है कि उनके कार्य की अवधि तय की जानी चाहिए। उन्होंने बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का विरोध किया है।
विमलेश कुमार ने कहा, “अगर हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो हम सामूहिक इस्तीफे का विकल्प चुनेंगे। सभी चिकित्सक दो अक्टूबर को इस्तीफा देंगे, जिसे 15 अक्टूबर को मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार, झारखंड में 7500 चिकित्सक होने चाहिए, जबकि केवल 1100 चिकित्सक हैं।
इस बीच झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने चिकित्सकों से काम पर लौटने की अपील की है।