टोरंटो, 15 सितंबर (आईएएनएस)। जर्मन निर्देशक वर्नर हरजोग्स की ‘मीटिंग गोर्बाचेव’ टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (टीआईएफएफ) में प्रदर्शित होने वाली सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्रों में से एक रहीं, क्योंकि फिल्म देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
वृत्तचित्र में मिखाइल गोर्बाचेव के जीवन की तमाम महत्वपूर्ण घटनाओं के चित्र और फूटेज भरे पड़े हैं और फिल्म को लंबे साक्षात्कारों के रूप में पेश किया गया है। यह वृत्तचित्र सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी में मिखाइल गोर्बाचेव के उदय के दर्शन कराती है।
वर्ष 1985 में सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी की बागडोर संभालने वाले गोर्बाचेव के बारे में यह फिल्म दिखाती है कि उन्होंने कैसे “पेरेस्त्रोइका (केंद्रीय नियोजन) और ग्लासनोस्त (लोकतंत्र) आंदोलनों को शुरू किया, जिसके कारण छह वर्षो बाद सोवियत संघ का विघटन हो गया।
गोर्बाचेव कहते हैं, “पेरेस्त्रोइका मेरे एजेंडे में शीर्ष पर था।”
वृत्तचित्र में, गोर्बाचेव कहते हैं कि वह केवल क्षेत्रों को अधिक शक्तियां प्रदान कर सुधार करना चाहते थे और वह सोवियत संघ के पतन के लिए बोरिस येल्तसिन जैसे ‘लापरवाह’ नेताओं को जिम्मेदार ठहराते हैं।
गोर्बाचेव ने हरजोग्स से कहते हैं, “मुझे अपने ही लोगों को लेकर दुख है।”
सोवियत संघ का विघटन उनकी त्रासदी है। “मुझे इस दिन का खेद है।” वह कहतैं कि उनका दर्द अभी भी गहरा है।
उन्होंने कहा, “हां, यह कठिन है। हां, यह मेरी आंतरिक समस्या है।”
लेकिन वह यह कहकर अपनी त्रासदी का बचाव करते हैं, “हमने कोशिश की।”