अहमदाबाद। जून 2004 के इशरत जहां व अन्य एनकाउंटर प्रकरण में सीबीआई बुधवार को यहां हाईकोर्ट में आरोप पत्र पेश कर सकती है। जांच एजेंसी आरोप पत्र में खुलासा कर सकती है कि इशरत जहां आतंकवादी नहीं थी। इस वजह से क्राइम ब्रांच के चार अधिकारियों ने उसके एनकाउंटर का विरोध किया था। इशरत के अलावा एनकाउंटर में मारे गए तीनों पुरुष आतंकवादी थे।
ये मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने नहीं, बल्कि अहमदाबाद में आतंकवादी हमले का मंसूबा पाले हुए थे। ये और इस तरह के खुलासे सीबीआई प्राथमिक आरोपपत्र में कर सकती है। तत्कालीन अहमदाबाद पुलिस आयुक्त केआर कौशिक सहित आठ पुलिसवालों को सीबीआई आरोपी बना सकती है।
आरोप पत्र में कौशिक के अलावा डीजी वंजारा, पीपी पांडे, गिरीश सिंघल, नरेन्द्र अमीन, तरुण बारोट, जेजी परमार एवं अनाजु चौहान शामिल हो सकते हैं। इनमें कुछ के जांच एजेंसी की ओर से गवाह बनाए जाने की भी संभावना है।
इशरत सहित चारों के पुलिस के हाथ लगने और इन्हें एनकाउंटर में मार गिराने तक के घटनाक्रम के बारे में सिलसिलेवार जानकारी सामने आ रही है। दरअसल, सेंट्रल आईबी के अधिकारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मुजम्मिल का फोन ट्रेस कर रहे थे। इस दौरान सुराग मिला कि जीशान जौहर नामक आतंकवादी 26 अप्रैल को अहमदाबाद आया है। छद्म पहचान के साथ गोता हाउसिंग बोर्ड में रुका है। मुजम्मिल का फोन ट्रेस करना जारी था।