अगरतला, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। त्रिपुरा का उग्रवादी संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) केंद्र और त्रिपुरा सरकार के साथ त्रिपक्षीय वार्ता के लिए तैयार हो गया है। वार्ता चार अप्रैल को शिलांग में होगी।
अगरतला, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। त्रिपुरा का उग्रवादी संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) केंद्र और त्रिपुरा सरकार के साथ त्रिपक्षीय वार्ता के लिए तैयार हो गया है। वार्ता चार अप्रैल को शिलांग में होगी।
एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया, “केंद्र और त्रिपुरा सरकार के अधिकारियों तथा एनएलएफटी के सदस्यों के बीच वार्ता चार अप्रैल को शिलांग में होने की संभावना है।”
त्रिपुरा के गृह मंत्रालय के अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “एनएलएफटी के स्वयंभू कमांडर विश्वमोहन देबवर्मा ने कुछ महीने पहले केंद्र सरकार से बातचीत की इच्छा जताई थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से राय मांगी थी। त्रिपुरा की सरकार ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।”
त्रिपुरा की सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कहा कि वह हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के उग्रवादियों के किसी भी कदम का स्वागत करती है।
त्रिपुरा में सक्रिय दो उग्रवादी संगठन एनएलएफटी और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) बांग्लादेश से अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं। वे वहां हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी प्राप्त करते हैं। दोनों संगठनों पर वर्ष 1997 में प्रतिबंध लगा दिया गया था।
एटीटीएफ के अधिकांश सदस्यों ने त्रिपुरा में आत्समर्पण कर दिया, जिसके बाद राज्य में इनकी उपस्थिति न के बराबर रह गई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, असम के पांच, मणिपुर के दो और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के सभी तीन धड़ों का फिलहाल केंद्र सरकार के साथ संघर्ष-विराम समझौता है।