राष्ट्रपति सुरक्षा कार्यालय के प्रथम उपमुख्यमंत्री चो ताए-योंग ने कहा, “अगर उत्तर कोरिया लंबी दूरी के मिसाइल प्रक्षेपणों को आगे बढ़ाता है तो इससे इस क्षेत्र, विश्व और कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है।”
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने बुधवार को उत्तर कोरिया से दृढ़ता पूर्वक आग्रह किया कि वह उपग्रह छोड़ने की आड़ में मिसाइल प्रक्षेपण की जो योजना बना रहा है, वह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन है।
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने कथित तौर पर बीते मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन को सूचित किया था कि उसकी आठ फरवरी से 25 फरवरी के बीच ‘क्वांगमियांगसांग’ नामक उपग्रह कक्षा में स्थापित करने की योजना है।
जापान और दक्षिण कोरिया दोनों का मानना है कि डीपीआरके लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण की योजना बना रहा है।
आबे ने उत्तर कोरिया केदावे का खंडन कर कहा, “वास्तविकता यह है कि यह एक बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण है।”
इस संबंध में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में बुधवार सुबह एक आपात बैठक आयोजित की गई। इसमें उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल प्रक्षेपण की योजना से निपटने पर चर्चा की गई। इस बैठक के बाद चो ने इस प्रक्षेपण के खिलाफ देश के आधिकारिक रुख की घोषणा की।
चो ने कहा कि दक्षिण कोरिया ने अंतर्राष्ट्रीय समाज की ओर से उत्तर कोरिया को इसके एवज में भारी कीमत चुकाने की चेतावनी दी है।
जापान के विदेश मंत्री फूमियो किशिदा ने एक संवादाता सम्मेलन में बताया कि जापान ने उत्तर कोरिया की योजना के खिलाफ एक आधिकारिक विरोध दर्ज किया है।