नई दिल्ली, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। कांग्रेस ने वस्तु एवं सेवा कर विधेयक पारित करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने के किसी प्रस्ताव का समर्थन करने से मंगलवार को इंकार कर दिया। कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने उन भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जिनके इस्तीफे की मांग की गई थी।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस कार्यसमिति की यहां हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि पार्टी जीएसटी का समर्थन करती है, लेकिन सरकार को विधेयक में संशोधनों को स्वीकार करना चाहिए।
सरकार जीएसटी विधेयक पारित कराने के लिए संसद का एक विशेष सत्र बुलाना चाहती है।
आजाद ने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने उनसे बात की है, लेकिन उन्होंने उनसे कह दिया है कि सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं -विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान- के इस्तीफे की पार्टी की मांग पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
स्वराज और राजे ने कथित तौर पर पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी की मदद की है और चौहान कथित तौर पर व्यापमं घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं।
संसद का पूरा मानसून सत्र इन्हीं भाजपा नेताओं के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद में हुए विपक्ष के हंगामे की भेट चढ़ गया था।
आजाद ने कहा, “मैंने नायडू से कहा कि आज और मानसून सत्र के बीच कुछ नहीं बदला है। प्रधानमंत्री कार्रवाई नहीं कर पाए हैं। विशेष सत्र बुलाना क्या मजाक है।”
उन्होंने कहा कि तीन भाजपा नेताओं में से किसी के भी खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में कांग्रेस ने जीएसटी के क्रियान्वयन के प्रति अपनी बचनबद्धता दोहराई है, बशर्ते कि विधेयक में मौजूद कमियों को सरकार दूर कर दे।
पार्टी ने कहा है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने सबसे पहले इस विधेयक को मार्च 2011 में पेश किया था, लेकिन भाजपा ने उस समय इसका व्यापक तौर पर विरोध किया था।
कांग्रेस जीएसटी पर 18 प्रतिशत की एक सीमा, अतिरिक्त लेवी के द्वारा एक प्रतिशत कर की अनुमति देने वाला प्रावधान की समाप्ति, एक स्वतंत्र विवाद समाधान तंत्र और पंचायत तथा शहरी निकायों और राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई की व्यवस्था विधेयक में चाहती है।
आजाद ने कहा कि पार्टी ने जिन बदलावों की मांग की है, वे सभी देशहित में हैं।