नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार चुनाव के परिप्रेक्ष्य में बिहार इनोवेशन कान्क्लेव में जाने माने विशेषज्ञों के अलावा युवा अनुसंधानकर्ताओं ने अपने अनुभव और विचार साझा किए। कार्यक्रम में उन खोजपरक तथ्यों को प्रस्तुत किया गया, जिनके जरिए बिहार के संवेदनशील मुद्दों, कृषि क्षेत्र, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास के कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार किया जा सके।
डिजिटल कम्युनिकेशन कंपनी लेट्स वेक ने बिहार इनोवेशन कानक्लेव का आयोजन नई दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में किया। दिनभर चले इस आयोजन को दो भागों में बांटा गया और इसका आगाज नई तकनीकियों और हल प्रदान करने वाले सात उत्साही अनुसंधानकर्ताओं ने किया।
इसके बाद एक पैनल चर्चा का भी आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने बिहार में आविष्कार परख इको सिस्टम के डिजाइनिंग की जरूरत नामक विषय पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए।
इस मौके पर भाजपा के महासचिव अनिल जैन ने कहा कि बिहार में बौद्धिक क्षमताओं की भरमार है जिनका दोहन किया जाना बाकी है। खोजपरख तकनीक और उचित कौशल विकास के जरिए बिहार के नौजवान एक से एक बड़े लक्ष्य की प्राप्ति करने में सफल होंगे।
लेट्सवेक टीम के मनीष यादव ने कहा कि इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी और इसे संबंधित अधिकारियों के साथ साझा किया जाएगा, जिसमें खोजपरख समाधानों का एक श्वेतपत्र भी होगा और इसके जरिए इन समाधानों को किस तरह से अमल में लाया जाए इसकी भी प्रस्तुति की जाएगी।
पैनल में शामिल लोगों में सीएसआईआर के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. वीके सिंह, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक, एनसीआरटी के निदेशक डॉ. बी. के. त्रिपाठी, आईएएस गौरव सिंह, ईमा के महासचिव डॉ. नरेंद्र सैनी, प्रसिद्ध मुरली वादक चेतन जोशी एवं जिंदल स्टील के एच आर समूह के निदेशक राजीव भदौरिया शामिल थे।
इस आयोजन में वन डीएमए के संस्थापक अचल अग्रवाल, आरटीआई एनानिमस के संस्थापक अवनीश सिंह, फार्म एवं फार्मर्स के सह संस्थापक एवं सचिव अक्षय वर्मा, अग्रतम इंडिया के संस्थापक अभिषेक गुप्ता, ग्रे कर्नल के सह संस्थापक उत्तम कुमार एवं स्माइल बोट्स के संस्थापक हर्षित अग्रवाल सहित कुल सात नौजवान आविष्कर्ताओं ने सात रूपांतरकारी विचार प्रस्तुत किए।