नई दिल्ली, 25 फरवरी (आईएएनएस)। रिलायंस टेलीकॉम ने सर्वोच्च न्यायालय से बुधवार को कहा कि निजी दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) दूरसंचार प्रणाली के अभिन्न अंग हैं और उन्हें फायदा कमाने वाला बनिया के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
वरिष्ठ वकील पी.चिदंबरम ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा तथा न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ से कहा, “हमें फायदा कमाने वाला बनिया कहा जाना गलत होगा। हम सेवा प्रदाता उपयोगिता (राष्ट्रीय दूरसंचार नीति-2012) का हिस्सा हैं।”
उन्होंने कहा, “कृपया हमें एक अप्रासंगिक खिलाड़ी के रूप में खारिज नहीं कीजिए। हम दूरसंचार प्रणाली के ही हिस्सा हैं, जैसे उपभोक्ता, सरकार और दूरसंचार आयोग तथा ट्राई हैं।”
न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी की निविदा शर्तो पर विभिन्न चुनौतियों का परीक्षण शुरू किया है, इसलिए उसने इलाहाबाद, दिल्ली, कर्नाटक तथा त्रिपुरा उच्च न्यायालयों में पांच मामलों की सुनवाई पर रोक लगा दी है। रिलायंस टेलीकॉम, भारती टेलीकॉम तथा आइडिया सेल्यूलर ने निविदा शर्तो का विरोध किया है।
न्यायालय ने बुधवार को चारों उच्च न्यायालयों में सुनवाई पर रोक लगा दी। केंद्र सरकार ने इन मामलों को सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग की थी।
एनटीपी-2012 का हवाला देते हुए चिदंबरम ने न्यायालय से कहा कि यह इस क्षेत्र में यह निजी कंपनियों को महत्वपूर्ण पहचान प्रदान करता है।
चिदंबरम ने यह प्रतिक्रिया केंद्र द्वारा त्रिपुरा उच्च न्यायालय द्वारा 12 फरवरी, 2015 को रिलायंस टेलीकॉम तथा भारती हेक्साकॉन को 900 मेगाहट्र्ज बैंड में 4.4 मेगाहट्र्ज तथा पांच मेगाहट्र्ज में दो बोलियों की मंजूरी के खिलाफ दाखिल याचिका पर दी है।