नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)। कांग्रेस ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधछात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले में गलत बयान देकर लोगों के बीच भ्रम फैलाने का आरोप लगाया और उन्हें बर्खास्त करने की मांग की।
संवाददाताओं से मुखातिब कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रोहित वेमुला की मौत को उचित ठहराने की कोशिश की, जो उनके दलित विरोधी रवैये को दर्शाता है।”
सुरजेवाला ने कहा, “मंत्री ने देश को धोखा दिया है और एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार का गरीब व दलित विरोधी चेहरा सामने आया है। मंत्री को तुरंत बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि केंद्रीय श्रममंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय को लिखी अपनी चिट्ठी में पांचों दलित विद्यार्थियों को निलंबित करने के लिए दबाव डाला, इसलिए उन्हें भी कैबिनेट से हटाया जाना चाहिए।
सुरजेवाला ने कहा कि विश्वविद्यालय बोर्ड ने अपनी पहली रिपोर्ट में पांचों दलित शोध विद्यार्थियों के निलंबन को वापस ले लिया था और आरोप लगाया था कि एचआरडी मंत्रालय व कुलपति के दबाव के कारण उसके फैसले को उलट दिया गया।
उन्होंने कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति शिक्षकों के मंच ने भी स्मृति ईरानी की कुछ टिप्पणियों पर आपत्ति जताई है।
सुरजेवाला ने कहा, “क्या यह सजा जायज थी? क्या एचआरडी मंत्री व उनके साथी बंडारू दत्तात्रेय को यह लगता है कि भाजपा या एबीवीपी के विचारों से मेल नहीं रखने वाला व्यक्ति राष्ट्रविरोधी है?” उन्होंने कहा कि इस गलती के लिए कोई माफी नहीं है।
सुरजेवाला ने यह भी कहा कि क्या एक मां और शैक्षिक संस्थानों के संरक्षक के रूप में उन्होंने वेमुला के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी?
उन्होंने कहा कि माफी मांगने व अपनी गलती को सुधारने के बजाय भाजपा व मानव संसाधन विकास मंत्रालय उन लोगों के पक्ष में उतर आया, जिन्होंने वेमुला को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया।
कांग्रेस के प्रवक्ता ने ईरानी से यह भी पूछा कि यदि वह अपनी सरकार के एक अन्य मंत्री रामविलास पासवान के सुझाव से सहमति रखती हैं, तो उन्हें वेमुला की मौत की जांच करानी चाहिए।
सुरजेवाला ने राज्य व केंद्र सरकार से वेमुला के परिवार के एक सदस्य को नौकरी व पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की है।
स्मृति ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बुधवार को कहा था कि वेमुला की आत्महत्या ‘दलित बनाम गैर दलित’ का मुद्दा नहीं है और इस घटना को जाति से जोड़ने का गंदा खेल खेलने का प्रयास किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि शोध कर रहे रोहित वेमुला उन पांच दलित विद्यार्थियों में से एक थे, जिन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक छात्र नेता पर हमले के आरोप में छात्रावास से निलंबित कर दिया गया था।