Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 देश में 2500 बच्चे प्रति वर्ष मस्तिष्क ट्यूमर के शिकार | dharmpath.com

Saturday , 3 May 2025

Home » भारत » देश में 2500 बच्चे प्रति वर्ष मस्तिष्क ट्यूमर के शिकार

देश में 2500 बच्चे प्रति वर्ष मस्तिष्क ट्यूमर के शिकार

नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)। विश्व में मस्तिष्क संबंधी रोगों के बढ़ने के साथ ही हर साल 2,500 से भी ज्यादा भारतीय बच्चे मस्तिष्क मेरु-द्रव्य (सीएसएफ) के जरिए फैलने वाले एक घातक मस्तिष्क ट्यूमर से पीड़ित हो जाते हैं।

चिकित्सकों के मुताबिक, भारत में हर साल 40,000-50,000 व्यक्तियों में मस्तिष्क कैंसर का निदान किया जाता है। इनमें से 20 प्रतिशत बच्चे होते हैं। एक साल पूर्व यह आंकड़ा पांच प्रतिशत के आसपास था।

यहां बीएलके अस्पताल के न्यूरोसर्जरी एवं इंटरवेंशनल एंड एंडोवास्कुलर न्यूरोसर्जरी के निदेशक और प्रमुख विकास गुप्ता ने कहा, “वर्तमान में मस्तिष्क कैंसर के 20 प्रतिशत मामले बच्चों में होते हैं। इन वर्षो में इनमें वृद्धि हुई है। इसके संकेतों में बार-बार उल्टी आना और सुबह के समय सिरदर्द (जिसे कई बार जठरांत्र रोग या माइग्रेन समझ लिया जाता है) शामिल है।”

ब्रेन ट्यूमर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, ल्यूकेमिया के बाद मस्तिष्क ट्यूमर बच्चों में दूसरा सबसे आम कैंसर है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय पर उपचार किया जाए तो बच्चे बिना किसी परेशानी के 70-80 साल की उम्र तक जीवित रह सकते हैं।

सर गंगाराम अस्पताल के न्यूरो एंड स्पाइन विभाग के प्रमुख सतनाम सिंह छाबड़ा ने कहा, “मस्तिष्क की क्षति केवल बच्चों में ही नहीं, बल्कि कुल मिलाकर एक गंभीर समस्या है। इसके कारण सोचने, देखने और बोलने में समस्या हो सकती है। इसके कारण व्यक्तित्व में बदलाव या दौरा पड़ने की समस्या भी हो सकती है।”

इसके कारणों के बारे में उन्होंने कहा, “मस्तिष्क ट्यूमर का एक छोटा प्रतिशत अनुवांशिक विकारों और कुछ विषाक्त पदार्थों या विकिरण के संपर्क में आने जैसे पर्यावरणीय खतरों से जुड़ा है।”

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में मस्तिष्क ट्यूमर से पीड़ित बच्चों में से केवल छह प्रतिशत को सही इलाज की सुविधा मिलती है।

सरोज सुपर स्पेश्यलिटी अस्पताल में न्यूरो सर्जरी के वरिष्ठ परामर्शदाता शैलेश जैन ने कहा, “कई बार सर्जरी संभव नहीं होती, खासतौर पर ट्यूमर अगर मस्तिष्क स्टेम या कुछ अन्य जगहों पर हो। जिन लोगों की सर्जरी नहीं की जा सकती, उन्हें रेडिएशन थेरेपी या अन्य उपचार दिया जा सकता है।”

देश में 2500 बच्चे प्रति वर्ष मस्तिष्क ट्यूमर के शिकार Reviewed by on . नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)। विश्व में मस्तिष्क संबंधी रोगों के बढ़ने के साथ ही हर साल 2,500 से भी ज्यादा भारतीय बच्चे मस्तिष्क मेरु-द्रव्य (सीएसएफ) के जरिए फैल नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)। विश्व में मस्तिष्क संबंधी रोगों के बढ़ने के साथ ही हर साल 2,500 से भी ज्यादा भारतीय बच्चे मस्तिष्क मेरु-द्रव्य (सीएसएफ) के जरिए फैल Rating:
scroll to top