Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 धारा 66ए रद्द, मलयालम पोर्टल के संपादक ने ली राहत की सांस | dharmpath.com

Monday , 5 May 2025

Home » भारत » धारा 66ए रद्द, मलयालम पोर्टल के संपादक ने ली राहत की सांस

धारा 66ए रद्द, मलयालम पोर्टल के संपादक ने ली राहत की सांस

तिरूवनंतपुरम, 24 मार्च (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66ए को रद्द करने के फैसले से केरल के शाजन सकरिया बहुत खुश हैं। एक ऑनलाइन मलयालम पोर्टल के संपादक शाजन सकरिया के खिलाफ इस कानून के तहत कुल 22 मामले दर्ज हैं।

सकरिया ने आईएएनएस से कहा, “कल (सोमवार) सुबह मैं कोच्चि के एक पुलिस थाने में बैठा था, क्योंकि धारा 66ए के तहत मेरे खिलाफ एक मामला दर्ज कराया गया था। पुलिस अधिकारी मुझे गिरफ्तार करने पर तुले थे, लेकिन चूंकि शाम के 6.30 बज चुके थे, इसलिए मेरे वकील ने मुझे आश्वस्त किया कि मुझे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। पुलिस के मुताबिक, मेरा अपराध यह था कि मैंने एक स्टोरी की थी और वह एक नेता के बारे में थी।”

उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केरल पुलिस अधिनियम की धारा 118डी को भी निरस्त कर दिया, जो धारा 66ए के अस्तित्व में आने से पहले से लागू थी।

सकरिया ने कहा, “दोनों ही कानूनों की प्रकृति करीब-करीब एक जैसी ही है।”

उन्होंने कहा कि इस कानून के निरस्त होने से सबसे ज्यादा राहत मुझे मिलने जा रही है, क्योंकि राज्य भर के विभिन्न पुलिस थानों में मेरे खिलाफ इस कानून के तहत 22 मामले दर्ज हैं।

उन्होंने कहा, “ये सारे 22 मामले धारा 66ए के तहत मेरी न्यूज रपटों के लिए दर्ज कराए गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय का यह फैसला बीते सात सालों में मेरे लिए यह सबसे बड़ी खुशखबरी है। अब मुझे उनमें से किसी भी मामले में न्यायालय में उपस्थित नहीं होना पड़ेगा।”

उनके न्यूज पोर्टल पर समाचारों को लेकर उनके खिलाफ बिशप, राजनीतिज्ञों तथा फिल्म कलाकारों ने मुकदमा कर रखा है।

उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ए को संविधान के अनुच्छेद 19 (1) ए के तहत प्राप्त अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन करार देते हुए उसे निरस्त कर दिया। न्यायालय के इस फैसले के बाद फेसबुक, ट्विटर सहित सोशल मीडिया पर की जाने वाली किसी भी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए पुलिस आरोपी को तुरंत गिरफ्तार नहीं कर पाएगी।

धारा 66ए रद्द, मलयालम पोर्टल के संपादक ने ली राहत की सांस Reviewed by on . तिरूवनंतपुरम, 24 मार्च (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66ए को रद्द करने के फैसले से केरल के शाजन सकरिया तिरूवनंतपुरम, 24 मार्च (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66ए को रद्द करने के फैसले से केरल के शाजन सकरिया Rating:
scroll to top