नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत सीवेज उपचार के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए हाइब्रिड-एन्यूटी आधारित सार्वजनिक एवं निजी भागीदार (पीपीपी) मॉडल संबंधी सम्मेलन बुधवार (24 फरवरी) को यहां के विज्ञान भवन में होगा।
सम्मेलन का उद्देश्य ट्रांजेक्शन सलाहकार के माध्यम से सीवेज उपचार के लिए आगामी हाइब्रिड-एन्यूटी आधारित पीपीपी मॉडल तथा एसपीवी के संस्थानीकरण परियोजना का निष्पादन है।
इसमें नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत नगरीय अपशिष्ट जल शोधन के लिए संस्थागत व वित्तीय मॉडल तैयार करने और भारत सरकार की पहल पर चर्चा होगी। सीवरेज सेक्टर के मॉडल व उनकी व्यवसायिक क्षमताओं तथा संपत्तियों के रखरखाव व निगरानी के विकल्प भी तलाशे जाएंगे।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, जल की प्रतिदिन उपलब्धता में अंतर-संस्थागत ढांचा, राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण, एसपीवीए ट्रांजेक्शन सलाहकार कंसेशनियर के लिए रोडमैप, शोधित जल की रीसाइक्लिंगए आदि पर भी चर्चा होगी। साथ ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के विकास व संचालन के विभिन्न मॉडलों की सफलताओं पर भी विचार-विमर्श होगा।
सम्मेलन की अध्यक्षता जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव शशि शेखर करेंगे।