कोलंबो, 17 मार्च (आईएएनएस)। मालदीव की सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को दोषी ठहराए जाने की आलोचना को ‘अन्यायपूर्ण’ कहा है और पड़ोसी देशों -भारत और श्रीलंका- से ऐसी आलोचना के खिलाफ मदद का आग्रह किया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मालदीव की राजनीतिक स्थिति की जानकारी देने के लिए श्रीलंका आए प्रतिनिधिमंडल में शामिल विदेश मंत्री धुन्या मौमून ने संवाददाताओं से कहा कि अपराध अदालत में नशीद की निष्पक्ष सुनवाई हुई है और मालदीव की सरकार देश की न्यायपालिका को प्रभावित नहीं करेगी।
यह उल्लेख करते हुए कि मालदीव अकेला देश नहीं है जहां पूर्व राष्ट्रपति पर मुकदमा चला है, मौमून ने कहा कि इस तरह के उदाहरण भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में भी देखा जा सकता है।
नशीद को पिछले सप्ताह 13 वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है। उन्हें यह सजा राष्ट्रपति पद पर रहते हुए एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश का अपहरण करने और उसे कैद में रखने के लिए सुनाई गई है।
मौमून ने कहा कि अपराध अदालत के मुख्य न्यायाधीश अब्दुल्ला मोहम्मद को गिरफ्तार करना एक गंभीर अपराध था और एक जिम्मेदार व्यक्ति उत्तरदायी होता है। भले ही वह पूर्व राष्ट्रपति क्यों न हो।
मौमून ने कहा, “हम महसूस करते हैं कि हमारी कठोर आलोचना हो रही है क्योंकि हमारा देश छोटा है। देशों का भिन्न व्यवहार हमारे लिए अस्वीकार्य है। कई देश हैं जहां मालदीव से कहीं ज्यादा गंभीर मामले हैं।”
मौमून ने उल्लेख किया कि भारत ने मालदीव की स्वतंत्रता और संप्रभुता का आदर किया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मालदीव अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से संबंध बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि वह विश्वास नहीं करती हैं कि भारत या कोई अन्य देश उनके यहां के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास नहीं करेगा।
मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने भी हर किसी से 13 मार्च को नशीद को दी गई 13 वर्ष जेल की सजा का सम्मान करने की अपील की है।
अमेरिका, ब्रिटेन, भारत और यूरोपीय संघ के साथ ही देश के भीतर और बाहर के ढेर सारे संगठनों ने नशीद को दोषी ठहराए जाने पर अपनी चिंता जाहिर की है।