नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सात रेसकोर्स रोड स्थित उनके निवास पर मुलाकात की।
यह मुलाकात पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा नेताजी से संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के मद्देनजर हुई है। नेताजी की कथित तौर पर सन् 1945 में एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी के परिवार के सदस्यों के सुझाव उनकी अपनी सोच और केंद्र सरकार के विचार से पूरी तरह मिलते-जुलते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इतिहास का गला घोंटने की कोई वजह नहीं दिखती। उन्होंने घोषणा की कि फाइलों को सार्वजनिक करने की प्रक्रिया नेताजी के जन्मदिन यानी 23 जनवरी, 2016 से शुरू की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने नेताजी से जुड़ी उन फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए विदेशी सरकारों से अनुरोध करने पर भी सहमति जताई, जो उनके पास उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि वह न केवल इस बारे में विदेशी सरकारों को पत्र लिखेंगे, बल्कि विदेशी नेताओं के साथ होने वाली बैठकों में भी यह मसला उठाएंगे। इसकी शुरूआत दिसम्बर में रूस से होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो देश इतिहास को भूल जाते हैं, वे इतिहास बनाने की शक्ति भी खो देते हैं। उन्होंने नेताजी के परिजनों से उन क्षणों को भी साझा किया, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान नेताजी को स्मरण किया करते थे।
मोदी ने सितंबर में घोषणा की थी कि वह भारत तथा विदेशों में रह रहे नेताजी के परिवार के 50 से अधिक सदस्यों से मुलाकात करेंगे।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह एवं सुषमा स्वराज और केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो भी उपस्थित थे।