काठमांडू, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। नेपाल में शनिवार को आए तेज भूकंप में 1,805 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.9 आंकी गई, जिसका केंद्र राजधानी काठमांडू से 75 किलोमीटर उत्तरपश्चिम में लामजुंग जिले में पाया गया।
तेज भूकंप के बाद देर तक 50 और झटके महसूस किए गए।
समाचार चैनल ‘कांतिपुर न्यूज’ के अनुसार, नेपाल गृह मंत्रालय से जारी बयान के अनुसार, भूकंप से काठमांडू में 500 लोगों की मौत हुई है। वहीं भक्तपुर में 164 लोगों की मौत हुई है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। ललितपुर में 66 लोग मारे गए हैं।
बयान में आशंका जताई गई कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
भूकंप से ज्यादातर मौतें सिंधुपालचौक जिले में हुई हैं, जहां 80 लोग मारे गए हैं।
रसुआ में 70 लोगों की मौत हुई है, कावरे में 57, गोरखा में 40, धडिंग में 35, ओखलधुंगा में 10, मकवानपुर में नौ, सुंसारी में छह और भोजपुर एवं सोलुखुंबु में दो-दो मौतें हुई हैं।
धर्महारा, बसंतपुर दरबार चौक, पाटन दरबार चौक जैसे ऐतिहासिक स्थान भूकंप में पूरी तरह तबाह हो चुके हैं।
आपदा को लेकर सरकार ने राष्ट्रीय संकट की घोषित कर दिया है और क्षतिग्रस्त संरचनाओं के पुनर्निमाण के लिए 50 करोड़ नेपाली रुपयों (40 लाख डॉलर) की सहायता राशि की घोषणा की है।
नेपाल में आए तेज भूकंप के झटके पड़ोसी देशों भारत, तिब्बत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी महसूस किए गए।
भारत में राजधानी दिल्ली सहित बिहार, उत्तर प्रदेश, सिक्किम, पश्चिम बंगाल और अन्य क्षेत्रों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। बिहार (25), उत्तर प्रदेश (8) और पश्चिम बंगाल (3) में 36 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए।
नेपाल में दो भारतीय नागरिकों की मौत हुई है।
तिब्बत में भी 17 लोगों की मौत हुई और 53 लोग घायल हुए हैं।