(खुसुर-फुसुर)- माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के फर्जीवाड़े की खबर एक पत्र में छपने और माखनलाल के कैम्पस में बंटने से भयभीत हुए प्रबंधन और कुलपति ने अपने गुंडों के द्वारा अख़बार की प्रति बंटने से रोकी.
अखबार बाँट रहे कर्मी को इस गुंडे ने पहले तो धमकी दी फिर प्रतियाँ छात्रों से एकत्र कर फाड़ दीं.गौरमतलब यह है की यह विश्वविद्यालय पत्रकारिता को देश निर्माण की दिशा नियंत्रित करने के लिए खोला गया है लेकिन पत्रकारिता को ही अपना दुश्मन समझने वाला यह विश्वविद्यालय आखिर किस विधि से छात्रों को पत्रकारिता सिखा पायेगा.यह विश्वविद्यालय पहले ही छात्रों की कम भर्ती की समस्या से जूझ रहा है.विश्वविद्यालय को गन्दी राजनीती का अखाड़ा बना देने वाले कुलपति की वजह से युवा पत्रकारों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है.