इस्लामाबाद, 13 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पेशावर शहर में स्थित एक शिया मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 अन्य घायल हो गए।
समाचार वेबसाइट डॉन ने आतंकवादी समूह द्वारा भेजे गए एक ई-मेल के हवाले से कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है।
इस दौरान भारी गोलीबारी होने की खबर है और निवासियों ने कहा कि पूरा हयाताबाद धुएं के गुबार में समा गया।
निवासियों ने कहा कि इमामिया मस्जिद में शुक्रवार को जुमे की नमाज के वक्त तीन विस्फोट हुए।
पिछले माह सिंध प्रांत के शिकारपुर स्थित एक शिया मस्जिद पर भी ऐसा ही आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें 60 से अधिक लोग मारे गए थे।
मुत्ताहिदा मजलिस वहदातुल मुस्लिमीन (एमडब्ल्यूएम), शिया उलेमा काउंसिल, जाफरिया गठबंधन तथा इमामिया रबिता काउंसिल ने तीन दिनों के शोक की घोषणा की है।
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के सूचना मंत्री मुश्ताक गनी ने फ्रंटियर कोर के सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यह मस्जिद कबायली इलाकों से बेहद नजदीक है, इसलिए आतंकवादी यहां आसानी से आ सकते हैं।
शिया विद्वान आरिफ हुसैन ने कहा कि आतंकवादियों को रोकने के लिए कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि इस पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो ऐसे हमले जारी रहेंगे।
उन्होंने कहा, “वे देश और इस्लाम के दुश्मन हैं।”
खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस महानिरीक्षक नासिर दुर्रानी ने कहा कि आतंकवादी मुख्य दरवाजे से नहीं घुसे, क्योंकि वहां सुरक्षाकर्मी तैनात थे।
गनी ने पुष्टि की कि हमले में 19 लोग मारे गए हैं।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तथा राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने घटना की कड़ी निंदा की है।
समाचार चैनल जियो टीवी ने स्वास्थ्य सचिव मुश्ताक जादून के हवाले से कहा कि घायलों का इलाज हयाताबाद चिकित्सा परिसर में किया जा रहा है।
पेशावर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (संचालन) ने कहा कि इमामबरगाह में कम से कम तीन आत्मघाती हमलावरों ने हमला किया।
सईद ने पुष्टि की कि एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया, जबकि दूसरा घायल हो गया, जिसकी बाद में मौत हो गई। उसके जैकेट को निष्क्रिय कर दिया गया। पुलिस ने तीसरे आत्मघाती हमलावर की तलाश शुरू कर दी है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि पहला विस्फोट जुमे की नमाज खत्म होने के कुछ मिनट बाद हुआ।
पहले विस्फोट के बाद फ्रंटियर कोर (एफसी) के पांच हथियारबंद सुरक्षाकर्मी मस्जिद में घुसे और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने हमले की निंदा की और कहा कि वह घटनास्थल पर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों से उन्हें वहां न जाने की सलाह दी।
पेशावर में 16 दिसंबर, 2014 को एक सैनिक स्कूल में इसी तरह के हमले में 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें अधिकांश छात्र थे।
‘पाकिस्तान टुडे’ समाचार पत्र ने एक चिकित्सक मुमताज मारवात के हवाले से कहा, “हयाताबाद मेडिकल कांप्लेक्स में 10 शव और 40 घायलों को लाया गया है।”
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि फ्रंटियर कोर (एफसी) की वर्दी पहने छह लोग शुक्रवार को नमाज के दौरान मस्जिद में दाखिल हुए और मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर ग्रेनेड फेंके।
फ्रंटियर कोर कर्मियों ने मस्जिद में सफाई अभियान शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी सेना व आतंकवाद रोधी दस्ते को भी घटनास्थल पर बुला लिया गया है।
पाकिस्तान अवामी तहरीक के प्रमुख ताहिरुल कादरी, जमात-ए-इस्लामी नेता सिराजुल हक, इमामिया रब्ता काउंसिल, मजलिस-ए-वाहदातुल मुस्लिमीन (एमडब्ल्यूएम) तथा जाफरिया गठबंधन ने भी हमले की निंदा की है।