इस्लामाबाद, 25 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने हाल में गठित सैन्य अदालत, इसकी अध्यक्षता कर रहे अधिकारियों, सैन्य वकीलों और गवाहों को सुरक्षा उपलब्ध कराने से संबंधित अध्यादेश को मंजूरी दे दी।
‘डॉन’ ऑनलाइन के अनुसार, पाकिस्तान आर्मी एक्ट 2015 में हुए संशोधन के तहत आतंकवादियों के खिलाफ सुनवाई की रिकार्डिग होगी और इसमें वीडियो लिंक के जरिए सुनवाई का भी प्रावधान होगा।
यह वहां लागू होगा, जहां सैन्य अदालतें गठित की गई हैं या की जानी हैं।
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से की गई घोषणा के अनुसार, “रक्षा मंत्रालय की ओर से की गई पहल पर राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सलाह को मानते हुए पाकिस्तानी आर्मी (संशोधन) अध्यादेश, 2015 पर हस्ताक्षर किया।”
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विशेष सहायक बैरिस्टर जफरुल्ला ने कहा कि यह संशोधन अध्यक्षता कर रहे अधिकारियों, न्यायाधीशों, वकीलों, सैन्य वकील और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया है, जो कि हमेशा खतरे में रहते हैं और आतंकवादियों के खिलाफ सुनवाई के दौरान उनके साथियों के हमले के निशाने पर होते हैं।