कोलकाता, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। दारुल उलूम देवबंद के कुलपति मौलाना मुफ्ती अब्दुल कासिम नोमानी ने देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ अपने पुरस्कार लौटाने वालों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने पुरस्कार नहीं लौटाए हैं वे भी देश के हालात से समान रूप से दुखी हैं।
कोलकाता, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। दारुल उलूम देवबंद के कुलपति मौलाना मुफ्ती अब्दुल कासिम नोमानी ने देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ अपने पुरस्कार लौटाने वालों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने पुरस्कार नहीं लौटाए हैं वे भी देश के हालात से समान रूप से दुखी हैं।
नोमानी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “पुरस्कार मूल रूप से दो वजहों से लौटाए जा रहे हैं-जिस तरह निर्दोष लोगों को मारा जा रहा है और शांति तथा एकता पर हमला किया जा रहा और दूसरा जिस तरह मानवीय मूल्यों और अधिकारों को देश में कुचला जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि वह इस बारे में कोई निर्णय नहीं दे सकते कि पुरस्कार लौटाना विरोध का सही तरीका है या नहीं। लेकिन, वह इन लोगों का समर्थन जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि जिन्होंने पुरस्कार नहीं लौटाए हैं उन्हें भी मोदी सरकार से खुश नहीं समझना चाहिए।
केरल भवन में ‘बीफ’ मुद्दे पर पुलिस के छापे पर उन्होंने कहा कि इस मामले का राजनीतिकरण कर दिया गया है जो कि सही नहीं है।