बर्लिन, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। नीदरलैंड की 24 अरब डॉलर की स्वास्थ्य सेवा और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी, रॉयल फिलिप्स के तकरीबन हर उत्पाद में ‘मेड इन इंडिया’ अवयव है, जिसमें दो भारतीय केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह बात कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही।
बर्लिन, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। नीदरलैंड की 24 अरब डॉलर की स्वास्थ्य सेवा और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी, रॉयल फिलिप्स के तकरीबन हर उत्पाद में ‘मेड इन इंडिया’ अवयव है, जिसमें दो भारतीय केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह बात कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही।
कंपनी के कार्यकारी उपाध्यक्ष और फिलिप्स हेल्थटेक कारोबार के प्रमुख पीटर नोटा ने आईएफए-बर्लिन व्यापार मेले में आईएएनएस से कहा, “हमारे स्वास्थ्य सेवा और उपभोक्ता जीवनशैली दोनों कारोबारों के लिए बेंगलुरू केंद्र बिंदु है। पुणे में भी काफी अच्छा काम हो रहा है।”
नोटा ने कहा कि 100 स्मार्ट शहर परियोजना के कारण भारत में लाइटिंग कारोबार पर ध्यान बढ़ाया गया है और यह कोशिश की जा रही है कि उत्पादों की कीमत कम रहे। एयर प्यूरीफायर पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “गत वर्ष सितंबर से हम तीन क्षेत्रों पर ध्यान दे रहे हैं – स्वास्थ्य सेवा, उपभोक्ता जीवन शैली और लाइटिंग। हमारा मोबिलिटी पर भी ध्यान है। इसमें सॉफ्टवेयर की बड़ी भूमिका है। इसलिए हमारे मोबिलिटी से जुड़े सभी उत्पादों का बेंगलुरू के नवाचार केंद्र से संबंध है।”
बेंगलुरू के फिलिप्स इन्नोवेशन सेंटर में 2,000 से अधिक इंजीनियर, चिकित्सा पेशेवर और शोधार्थी काम करते हैं।
नोटा ने कहा, “यह केंद्र हमारे स्वास्थ्य सेवा और जीवन शैली कारोबार का केंद्र बिंदु है।”
कंपनी के इस तरह के दो और केंद्र नीदरलैंड और चीन में हैं। इसके अलावा पुणे डेवलपमेंट सेंटर कंपनी के दुनिया भर में मौजूद छह केंद्रों में से एक है। कंपनी का नोएडा केंद्र लाइटिंग पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा कि कंपनी भारत में अपने कारोबार का विस्तार स्वास्थ्य सेवा, सौंदर्य, ग्रूमिंग जैसे क्षेत्रों में जारी रखना चाहती है।
मेले में कई उत्पाद लांच करने वाले नोटा ने स्वीकार किया कि भारत में कंपनी के कुछ उत्पाद खासकर चिकित्सा क्षेत्र में थोड़े महंगे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में वायु की गुणवत्ता एक गंभीर मुद्दा है, इसलिए एयर प्यूरीफायर पर भी कंपनी का खासा ध्यान है। उन्होंने एक अध्ययन के हवाले से कहा कि घरों के अंदर की वायु कई वजहों से बाहर की वायु से अधिक प्रदूषित है।