कोलकाता, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल ने गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान में एक सींग वाले दो गैंडों के शिकार के मामले की जांच राज्य के अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) को सौंप दी है। एक मंत्री ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उद्यान में इस महीने की शुरुआत में दो गैंडों के शव बरामद होने के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था।
गोरूमारा में गैंडों के शिकार के मामले में तब सुराग हाथ लगा, जब असम में मार्च महीने में एक सड़क हादसे के बाद वाहन से गैंडों के सींग बरामद हुए थे, जिसमें कथित तौर पर तस्करों का एक समूह शामिल है।
बंगाल के वन मंत्री बिनय कृष्ण बर्मन ने शनिवार को आईएएनएस से कहा, “हमने मामले की आगे की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंप दिया है। एक गैंडे का शिकार फरवरी में, जबकि दूसरे का शिकार मार्च में किया गया था। हम असम के अपने समकक्ष के साथ नियमित तौर पर संपर्क में हैं।”
बर्मन ने यह भी कहा कि घटना मणिपुर के उग्रवादियों की संलिप्तता की ओर इशारा करती है।
उन्होंने कहा, “हमने इस बात का अवलोकन किया है कि अधिकांश घटनाओं के तार मणिपुर से जुड़े हुए हैं, खासकर उग्रवादियों से।”
गोरूमारा 80 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के बगल में स्थित है, जो सिलिगुड़ी तथा असम के गुवाहाटी को जोड़ता है। उद्यान में कुल 50 गैंडे हैं।
बर्मन ने गोरूमारा के सबसे बड़े गैंडे खारा सिंह के गुम होने की खबर का खंडन किया।
उन्होंने कहा, “नहीं, यह सही नहीं है। मेरे पास उसकी तस्वीरें हैं, जो यह साबित करती हैं कि वह उद्यान में है।”
यह पूछे जाने पर कि शिकारियों को देखते ही गोली मारे जाने के आदेश मिलने के बाद बंगाल को निशाना बनाने वाले शिकारियों के संबंध में कोई जानकारी मिली है या नहीं? बर्मन ने नहीं में जवाब दिया।
बर्मन ने कहा, “नहीं, हम हर वक्त सतर्क रहते हैं।” उन्होंने कहा कि गैंडों की सुरक्षा और पुख्ता करने के लिए बंगाल सरकार कर्नाटक के साथ 15 कुंकी (प्रशिक्षित) हाथियां प्राप्त करने के लिए बातचीत कर रही है।