बरसाना (उत्तर प्रदेश), 25 फरवरी (आईएएनएस)। राधा रानी की जन्मस्थली बरसाने के लोग नगर में एक भी मयखाना नहीं चाहते। यहां के लोग, आध्यात्मिक नेता और सामाजिक कार्यकर्ता होली के पहले शराब की दुकानों के खिलाफ लामबंद हो गए हैं।
बरसाना (उत्तर प्रदेश), 25 फरवरी (आईएएनएस)। राधा रानी की जन्मस्थली बरसाने के लोग नगर में एक भी मयखाना नहीं चाहते। यहां के लोग, आध्यात्मिक नेता और सामाजिक कार्यकर्ता होली के पहले शराब की दुकानों के खिलाफ लामबंद हो गए हैं।
उन्होंने 11 सदस्यीय एक समिति का गठन किया है, जो प्रशासन के सामने अपनी मांगें रखेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस मामले में समय के अभाव के कारण अब कुछ भी नहीं किया जा सकता। उनके इस बयान से बरसाने के लोगों में नाराजगी है।
जिलाधिकारी राजेश कुमार ने आईएएनएस से कहा, “अब बहुत देर हो चुकी है। उन्हें जनवरी में विरोध जताना चाहिए था..उन्हें इंतजार करना चाहिए क्योंकि अब केवल राज्य सरकार ही इस फैसले (शराब की दुकानों के परिचालन) को रद्द कर सकती है। अभी तक मुझ से कोई भी मिलने नहीं आया है। मैं हालांकि इस मुद्दे पर चर्चा करूंगा और इसे हल करूंगा।”
वहीं दूसरी ओर, राधा की नगरी बरसाना के आम लोग और सामाजिक कार्यकर्ता अपनी बात पर अटल हैं और मांग कर रहे हैं कि शहर में शराब की दुकानों को बंद करने के लिए जल्द से जल्द कद उठाया जाए।
शराब की दुकानों का विरोध कर रहे समूह ने शुक्रवार को होने वाली लट्ठमार होली का बहिष्कार करने की धमकी दी है। लट्ठमार होली में महिलाएं गोपियों की भूमिका में होती हैं और पुरुष गोपियों (ब्रजवासियों) को लाठियां मारती हैं। पुरुष अपने सिर को चमड़े की टोपी से ढके रहते हैं। यह त्यौहार पूरे देश के हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
एक स्थानीय पुजारी हरि नारायण ने कहा कि बरसाना एक पवित्र शहर है और लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और मंदिरों और स्कूल के पास शराब की दुकानें देखते हैं तो उनकी भावनाएं आहत होती हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता मोहन यादव ने कहा, “हर शाम शराब पीकर आने वाले लोग इन दुकानों के आस-पास के माहौल को बदसूरत बना देते हैं, वे गालियां देते हैं और चिल्लाते हैं।”
भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय इकाई और वकील भी इस अभियान के समर्थन में आए हैं।
गोस्वामी समाज ने धमकी दी है कि अगर प्रशासन मयखानों को बंद करने में असफल रहता है तो वे विचार करेंगे कि सुप्रसिद्ध लट्ठमार होली में महिलाओं को भाग लेना चाहिए अथवा नहीं। इस महोत्सव में देश के विभिन्न देशों के श्रद्धालुओं के अलावा एनआरआई भी पहुंचेंगे।
इसी अभियान के संदर्भ में रविवार को महापंचायत का आयोजन हुआ था। महापंचायत ने मांग की है कि बरसाना जैसे पवित्र शहरों को शराब मुक्त बनाना चाहिए।
बरसाना पुलिस थाने के प्रमुख ने हलांकि, कहा कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है। वहीं बरसाना के मुख्य संत रमेश बाबा ने इस आंदोलन को पूरा समर्थन देने की बात कही है।
प्रशासन ने हालांकि, सुरक्षा इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। जिले के वरिष्ठ अधिकारियों सुरेंद्र पाल सिंह और अतुल कुमार श्रीवास्तव ने लट्टमार होली के लिए सुरक्षा व्यवस्था और यातायात के लिए एक विस्तृत ढांचा तैयार किया है। इस त्योहार में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।