Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 बांग्लादेश में जमात नेता को फांसी की सजा | dharmpath.com

Monday , 5 May 2025

Home » विश्व » बांग्लादेश में जमात नेता को फांसी की सजा

बांग्लादेश में जमात नेता को फांसी की सजा

ढाका, 18 फरवरी (आईएएनएस)। बांग्लादेश की एक अदालत ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी के सदस्य को वर्ष 1971 के युद्ध के दौरान पबना में हत्या, जनसंहार तथा अपहरण जैसे युद्ध अपराधों के लिए पाकिस्तान समर्थकों का नेतृत्व करने के लिए मौत की सजा सुनाई है।

अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-2 के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ओबैदुल हसन ने बुधवार को जमात सदस्य अब्दुस सुभान को इस मामले में अधिकतम सजा सुनाई।

अभियोजन पक्ष द्वारा लगाए गए नौ आरोपों में से छह आरोपों में अब्दुस सुभान दोषी ठहराए गए और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई।

फैसला सुनाते वक्त न्यायधिकरण के दो अन्य सदस्य न्यायमूर्ति मुहम्मद मुजीबुर रहमान मियां और न्यायमूर्ति शाहिनूर इस्लाम भी मौजूद थे। मानवता के खिलाफ अपराध मामले में यह 16वां मामला है, जिसमें अभियुक्त को दोषी ठहराया गया है।

पबना से पूर्व सांसद सुभान जमात की पबना इकाई के अध्यक्ष थे और मुक्ति संग्राम के दौरान पार्टी की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई में भी रह चुके हैं।

वह जमात के नौवें शीर्ष नेता हैं, जिन्हें बांग्लादेश के पाकिस्तान से स्वतंत्रता युद्ध के दौरान युद्ध अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है।

बांग्लादेश में जमात नेता को फांसी की सजा Reviewed by on . ढाका, 18 फरवरी (आईएएनएस)। बांग्लादेश की एक अदालत ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी के सदस्य को वर्ष 1971 के युद्ध के दौरान पबना में हत्या, जनसंहार तथा अपहरण जैसे युद् ढाका, 18 फरवरी (आईएएनएस)। बांग्लादेश की एक अदालत ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी के सदस्य को वर्ष 1971 के युद्ध के दौरान पबना में हत्या, जनसंहार तथा अपहरण जैसे युद् Rating:
scroll to top