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 बांग्लादेश में युद्ध अपराधी का मृत्युदंड बरकरार | dharmpath.com

Sunday , 25 May 2025

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बांग्लादेश में युद्ध अपराधी का मृत्युदंड बरकरार

ढाका, 30 अगस्त (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को युद्ध अपराध के दोषी मीर कासिम अली की फांसी की सजा बरकरार रखी।

दैनिक समाचार पत्र ‘ढाका ट्रिब्यून’ के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा के नेतृत्व में शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय पीठ ने कासिम अली की फांसी की सजा पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिका खारिज करते हुए इस आशय का फैसला सुनाया।

दैनिक समाचार पत्र ‘डेली स्टार’ के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-2 ने दो नवम्बर, 2014 को 63 वर्षीय तत्कालीन जमात नेता को फांसी की सजा सुनाई थी। कासिम पर सन् 1971 की लड़ाई के दौरान अपराध करने के आरोप लगाए गए थे।

गत आठ मार्च को अपीली अदालत ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी।

गत 19 जून को कासिम अली ने फांसी की सजा पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की थी।

बांग्लादेश की वेबसाइट बीडीन्यूज24 के अनुसार, 1971 के अल बदर आतंकी संगठन के कमांडर अब अपने अपराधों के लिए पछतावा करते हुए राष्ट्रपति के समक्ष दया की अपील कर सकते हैं।

कासिम के परिजनों ने फैसले को ‘न्यायिक हत्या’ की संज्ञा प्रदान की।

आजादी की लड़ाई के दौरान चटगांव में कुख्यात अल बद्र बल के गठन में कासिम अली ने मुख्य भूमिका निभाई थी। उन्होंने विभिन्न जगहों पर अस्थाई यातना केंद्र भी स्थापित किए थे। वह अपने अत्याचारों के लिए ‘बंगाली खान’ के रूप में जाने जाते थे।

बांग्लादेश में युद्ध अपराधी का मृत्युदंड बरकरार Reviewed by on . ढाका, 30 अगस्त (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को युद्ध अपराध के दोषी मीर कासिम अली की फांसी की सजा बरकरार रखी।दैनिक समाचार पत्र 'ढाका ट्रिब्यून' के अनु ढाका, 30 अगस्त (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को युद्ध अपराध के दोषी मीर कासिम अली की फांसी की सजा बरकरार रखी।दैनिक समाचार पत्र 'ढाका ट्रिब्यून' के अनु Rating:
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