ब्रजेंद्र नाथ सिंह
ब्रजेंद्र नाथ सिंह
मखदूमपुर (जहानाबाद), 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। वह सिर्फ एक सड़क है। लेकिन, जहानाबाद के नक्सल प्रभावित मखदूमपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों को बांट देती है। सड़क के एक तरफ के लोग किसी और दल के समर्थक हैं तो दूसरी तरफ के लोग किसी और दल के। बिहार में दूसरे चरण के मतदान में शुक्रवार को मखदूमपुर में भी मतदान होने जा रहा है।
एनएच-83। यही इस सड़का का नाम है। पटना से आती है। रेलवे लाइन के साथ-साथ चलती हुई मखदूमपुर तक और सीधे गया निकल जाती है।
इस सड़क के एक तरफ रहते हैं भूमिहार, मांझी और कुशवाहा। सड़क की दूसरी तरफ रहते हैं कुछ अन्य समुदायों के साथ यादव, कोयरी, पासवान और रविदास समाज के लोग।
बिहार में चुनाव के जाति के गणित को समझने वाले सड़क के दोनों तरफ के मिजाज को समझने की सलाह देते हैं। विकास के नाम पर भी यहां वोटिंग होती है लेकिन जाति की भूमिका बड़ी होती है।
मखदूमपुर से राजग के उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी प्रत्याशी हैं। मांझी गया के इमामगंज से भी चुनाव लड़ रहे हैं। वहां भी शुक्रवार को वोटिंग होने वाली है।
महागठबंधन की तरफ से राजद के सूबेदार दास (50) मैदान में हैं। उनका संबंध रैदास समाज से है।
कुल 13 उम्मीदवार यहां से मैदान में हैं जिनमें से 6 का संबंध पासवान समाज से है।
सड़क के एक तरफ के इंद्रपुरी गांव में मांझी की पार्टी हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा की टोपी हाथ में लिए कुछ लोग मिले। इनमें से एक सच्चिदानंद शर्मा ने कहा, “सड़क के इस तरफ के सभी गांव राजग के साथ हैं। असल में हम लोग मोदी का समर्थन कर रहे हैं और वोट मांझी को देंगे।” पास बैठे और लोगों ने भी उनकी हां में हां मिलाई।
महेश शर्मा नाम के एक मतदाता ने कहा कि इलाका आज भी सिंचाई की समस्या से जूझ रहा है। सुरहंदा बांध तीन साल से बन रहा है। जद-यू सरकार ने इसका काम शुरू करवाया था। नीतीश को ही वोट देते, लेकिन उन्होंने लालू से हाथ मिला लिया। इस वजह से सीन बदल गया।
अब सड़क के दूसरी तरफ का हाल देखिए। यादव बहुल लालाबीघा में सुभाष यादव ने कहा, “जो भी विकास हुआ है, सड़क के उसी तरफ हुआ है, हमारी तरफ नहीं। हम तो लालूजी को वोट देंगे। लालूजी हमारी आवाज हैं। सूबेदार दास बहुत मेहनत कर रहे हैं। यहां तक कि इलाके के पासवान भी उन्हें वोट देंगे।”
लेकिन, सड़क के इस तरफ हर जगह ऐसा ही साफ रुख नहीं दिखा। मकरपुर, प्रभातनगर और वीरा में लोग सोच विचार में दिखे।
इलाके में मुसलमान भी अच्छी संख्या में हैं। मखदूमपुर चौक पर दुकान चलाने वाले रामप्रसाद साह ने कहा, “यादव और मुस्लिम अगर साथ में दास को वोट दे देते हैं और अगर कोयरी समाज का 25 फीसदी वोट भी दास को मिल जाता है तो फिर जानिए कि मांझी मुश्किल में हैं।”