पटना, 21 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव को बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया जाना उनके विरोधियों को खटक रहा है। बहुत से लोग मानते हैं कि उपमुख्यमंत्री बनने लायक तेजस्वी की न उम्र है, न तजुर्बा। तेजस्वी ने शनिवार को ट्वीट कर जवाब दिया, “केवल कवर देखकर किताब की पहचान नहीं होती।” उन्होंने और तीन ट्वीट कर विरोधियों को चुप कराने का प्रयास किया।
नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में नंबर दो की हैसियत रखने वाले तेजस्वी ने शनिवार को लगातार चार ट्वीट कर विरोधियों पर शाब्दिक प्रहार किया।
पहला ट्वीट : “किसी को भी किताब की परख कवर पेज से नहीं करनी चाहिए। मीठे शरबत और कड़वी दवाई का असली फायदा वक्त के साथ पता लगता है।”
दूसरा ट्वीट : “मैं ब्रांड बिहार का वैल्यू बढ़ाने और राज्य के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा, ताकि नीतीश कुमार को भी मुझे सहायक बनाने पर गर्व हो।”
तीसरा ट्वीट : “बिहार कैबिनेट में युवाओं के जोश को अनुभवी मुख्यमंत्री द्वारा सही तरीके से उपयोग किया जाएगा, जिससे बिहार की जनता और राज्य का फायदा हो।”
चौथा ट्वीट : “पूर्वाग्रही और स्वार्थी लोग भले ही निंदा करें, लेकिन बिहार की जनता जिसने युवाओं पर भरोसा किया है, उसे इसका लाभ जरूर मिलेगा।”
वर्ष 1989 में जन्मे तेजस्वी 26 वसंत देख चुके हैं। उनका जन्मदिन इसी महीने, नौ नवंबर को था। नौवीं की परीक्षा में फेल होने के बाद उन्हें आगे की पढ़ाई की जरूरत महसूस नहीं हुई। अब उन्हें सियासत के दांव-पेच समझ पूर्व मुख्यमंत्री माता-पिता की विरासत संभालनी है।