Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 बिहार : राष्ट्रपति चुनाव के बहाने ‘शह-मात’ का खेल | dharmpath.com

Saturday , 3 May 2025

Home » धर्मंपथ » बिहार : राष्ट्रपति चुनाव के बहाने ‘शह-मात’ का खेल

बिहार : राष्ट्रपति चुनाव के बहाने ‘शह-मात’ का खेल

पटना, 25 जून (आईएएनएस)। आमतौर पर राष्ट्रपति चुनाव सत्तापक्ष और विपक्ष की लड़ाई मानी जाती है, लेकिन इस बार का राष्ट्रपति चुनाव बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल दलों के लिए एक-दूसरे को साधने का जरिया बन गया है। घटक दलों के बीच शह और मात का खेल शुरू हो गया है और बयानबाजी भी जोर पकड़ने लगी है।

पटना, 25 जून (आईएएनएस)। आमतौर पर राष्ट्रपति चुनाव सत्तापक्ष और विपक्ष की लड़ाई मानी जाती है, लेकिन इस बार का राष्ट्रपति चुनाव बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल दलों के लिए एक-दूसरे को साधने का जरिया बन गया है। घटक दलों के बीच शह और मात का खेल शुरू हो गया है और बयानबाजी भी जोर पकड़ने लगी है।

इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के बाद से बिहार का राजनीतिक पारा गरम है और महागठबंधन में शामिल दलों में कटुता दिखाई देने लगी।

राजद और कांग्रेस जहां विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार के समर्थन में हैं, वहीं जनता दल (युनाइटेड) राजग के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन दे रहे हैं। जद (यू) की ओर से कोविंद को समर्थन देने की बात सामने आने के बाद से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देते हुए फासीवादी ताकतों से लड़ने के लिए जद (यू) को ललकार रहे हैं। उनका ऐन वक्त पर पलट जाना राजद को रास नहीं आ रहा है।

राजद के एक नेता ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर दावा किया कि कांग्रेस और बाकी विपक्षी दलों से ज्यादा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद इस चुनाव में ‘दलित बनाम दलित’ लड़ाई के सूत्रधार हैं।

उन्होंने कहा, “लालू इस बात से परेशान हैं कि नीतीश उनके साथ खड़े होने की बजाय भाजपा के रामनाथ कोविंद के साथ हो गए। लिहाजा, लालू ने भाजपा की बजाय नीतीश को घेरने की रणनीति शुरू कर दी। इसी रणनीति के तहत मीरा कुमार को चुनाव मैदान में उतारा गया।”

मीरा कुमार पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की बेटी हैं। बिहार उनका घर रहा है, इस कारण लालू को लगा कि ‘बिहार की बेटी’ के नाम को आगे कर नीतीश को घेरा जा सकता है।

वैसे, नीतीश कुमार ने लालू पर जवाबी हमला कर उनकी रणनीति को असफल करने की कोशिश की। नीतीश ने शुक्रवार को कहा, “मैं मीरा कुमार जी का सम्मान करता हूं, लेकिन बिहार की बेटी का चयन हार की रणनीति के लिए हुआ है। अगर जीत की रणनीति के लिए हुआ होता, तो बिहार की बेटी का चयन नहीं होता।”

इस बयान के बाद हालांकि लालू प्रसाद ने अब तक नीतीश पर पलटवार नहीं किया है, लेकिन लालू के पुत्र और राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने इतना जरूर कहा कि बिना मैदान में जाए ही जीत और हार कैसे तय की जा सकती है। उन्होंने कहा कि लड़ाई में जाने के बाद ही हार और जीत देखा जाना चाहिए।

वहीं, राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने नीतीश पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा, “ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे नीतीश ने ठगा नहीं।”

वैसे महगठबंधन में शामिल दलों के नेताओं के बीच बयानबाजी को लेकर भले ही बिहार के मौसम की तरह सियासत का पारा चरम पर हो, लेकिन महागठबंधन में फूट वाली बात से सभी नेता इनकार करते हैं।

राजनीति के जानकार और पटना के वरिष्ठ पत्रकार नलिन वर्मा कहते हैं कि इस बयानबाजी से दलों में कटुता भले आए, लेकिन सरकार पर कोई संकट नहीं है। उन्होंने कहा, “इस बयानबाजी के जरिए दलों में शह और मात का खेल जारी है और सही अर्थो में भविष्य को लेकर जाति आधारित मतदाताओं को साधने की कोशिश की जा रही है।”

उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति चुनाव तक बिहार में राजनीति गरमाई रहेगी और यहां के नेता एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी भी करते रहेंगे।

बिहार की राजनीति पर गहरी नजर रखने वाले पटना कॉलेज के प्राचार्य रहे प्रोफेसर एऩ क़े चौधरी का मानना है कि महागठबंधन में वैचारिक मतभेद दलित वोट बैंक पर पकड़ बनाने को लेकर है।

उन्होंने कहा, “माना जाता है कि नीतीश कुमार की पकड़ दलित वोट बैंकों पर है। मीरा कुमार के नाम पर लालू इसी वोट बैंक पर कुंडली मारकर बैठे नीतीश की दलितों के बीच नकारात्मक छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं।”

चौधरी ने कहा कि मीरा कुमार के नाम पर समर्थन की लालू की अपील अपने इसी सियासी हित को साधने को लेकर है।

बहरहाल, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बिहार में महागठबंधन में ही शह और मात का खेल जारी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सियासी शतरंज में लालू और नीतीश एक-दूसरे को घेरने में कितनी दूर तक सफल होते हैं।

बिहार : राष्ट्रपति चुनाव के बहाने ‘शह-मात’ का खेल Reviewed by on . पटना, 25 जून (आईएएनएस)। आमतौर पर राष्ट्रपति चुनाव सत्तापक्ष और विपक्ष की लड़ाई मानी जाती है, लेकिन इस बार का राष्ट्रपति चुनाव बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में पटना, 25 जून (आईएएनएस)। आमतौर पर राष्ट्रपति चुनाव सत्तापक्ष और विपक्ष की लड़ाई मानी जाती है, लेकिन इस बार का राष्ट्रपति चुनाव बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में Rating:
scroll to top